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जिला स्तरीय मातृभाषा उत्सव में राप्रावि सेलाबगड़ की सुवर्णा जोशी ने लोकगीत में पाया पहला स्थान।

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जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के सभागार में जिला स्तरीय मातृभाषा उत्सव का आयोजन किया गया। उत्सव में विभिन्न स्कूलों से आए विद्यार्थियों ने कुमाऊंनी, गढ़वाली, जौनसारी समेत 15 बोलियों में लोकगीत, लोकगाथा और लोकनाट्य कार्यक्रम प्रस्तुत किए। लोकनाट्य में राजकीय जूनियर हाईस्कूल माल्दे की टीम ने पहला स्थान हासिल किया। लोकगीत में राप्रावि सेलाबगड़ की सुवर्णा जोशी और लोकगाथा में राप्रावि थानडंगोली के भास्कर कुमार ने पहला स्थान हासिल किया। विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

मातृभाषा उत्सव का शुभारंभ प्रसिद्ध रंगकर्मी गोपाल बोरा ने किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम मातृभाषा के गौरव और सम्मान को संरक्षित रखने के साथ-साथ प्रचार प्रसार में भी सहायक होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डायट प्राचार्य डॉ. शैलेंद्र सिंह धपोला ने कहा कि मातृभाषा में किसी बात की अभिव्यक्ति स्वाभाविक होती है जबकि अन्य भाषाओं में यह कठिन हो जाती है।

मातृभाषा समन्वयक डॉ. केएस रावत ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और भारतीय भाषाओं के प्रमुख तत्वों को उजागर किया। कार्यक्रम के निर्णायक वृक्ष पुरुष किशन सिंह मलड़ा और संस्कृति प्रेमी रमेश प्रकाश पर्वतीय रहे। कार्यक्रम में तीनों ब्लॉकों के 10 स्कूलों के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों ने भागीदारी की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. राजीव जोशी और डॉ. सीएम जोशी ने किया। वहां पर डॉ. बीडी पांडेय, रवि कुमार जोशी, संदीप कुमार जोशी, कैलाश प्रकाश चंदोला, सुरेंद्र वर्मा, मदन लाल, महेश जोशी आदि मौजूद रहे।

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