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छात्र शिक्षक संगीत प्रतिभा सम्मान प्रतियोगिता का हुआ आयोजन,प्रथम स्थान प्राप्त प्रतिभागी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में करेंगे प्रतिभाग

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उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा के विषयों की श्रंखला में संगीत शिक्षा का एक विशेष महत्व है। इससे संगीत शिक्षा के द्वारा विद्यार्थियों की प्रतिभा का चहुंमुखी विकास होता है। इस सौन्दर्य को बनाए रखने में संगीत शिक्षक की अहम भूमिका होती है तथा शिक्षकों के प्रतिबिम्ब के रूप में विद्यार्थियों पर शिक्षक का प्रभाव दृष्टिगोचर होता है। विद्यालय के सगीत शिक्षण व सौन्दर्यमय वातावरण का पुरोधा कोई न कोई संगीत शिक्षक ही होता है अतः यह आवश्यक हो जाता है कि शिक्षक का मनोबल सदैव उत्साहपूर्ण बना रहे इसी लिए संगीत शिक्षक समारोह की कल्पना की गई है। इसी क्रम में आज जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर में जनपद स्तरीय संगीत प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम समन्वयक डायट प्रवक्ता रवि कुमार जोशी ने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखण्ड के तत्वाधान में
संगीत एवं नृत्य में रूचि रखने वाले अध्यापकों एवं छात्र-छात्राओं में छुपी हुई प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने के उद्देश्य से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान बागेश्वर में आज 03 सितम्बर 2024 को जनपद स्तरीय संगीत अध्यापक प्रतिभा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा के अन्तर्गत शासकीय, अशासकीय, राज्यार्न्तगत संचालित राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों के संगीत में रूचि रखने वाले सहायक अध्यापक, प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालयों के एवं माध्यमिक विद्यालयों के सहायक अध्यापक (एल.टी.) स्तर के अध्यापक-अध्यापिका एवं विद्यालय में अध्ययनरत संगीत के विद्यार्थी तथा अन्य विषयों विद्यार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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मालूम हो कि इसस पूर्व तीनों विकासखण्डों से वीडियो के माध्यम से प्रविष्ठियां आमंत्रित की गई थी जिसमें 65 प्रविष्ठियां प्राप्त हुई थी, जिसका परिणाम कुछ दिन पूर्व घोषित किया गया था। इन तीनो विकासखण्डों के विजेता प्रतिभागियों द्वारा जनपद स्तरीय प्रतियोगिता में मंचीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया गया। शिक्षक वर्ग में सुगम संगीत गायन और शास्त्रीय वाद्य यंत्र वादन में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सुगम गायन में प्रथम स्थान श्री उपेन्द्र मेहता एवं श्री कृष्णा भट्ट संयुक्त रूप से रहे। द्वितीय स्थान पर श्री नारायण कुमार उ०मा०वि० पंत क्वैराली तथा तथा तृतीय स्थान पर महेश जोशी रहे। जबकि वाद्य यंत्र प्रतियोगिता में श्री हरीश राम स०अ० रा०इ०का० काफलीगैर प्रथम रहे।

वहीं दूसरी तरफ विद्यार्थियों हेतु शास्त्रीय संगीत और लोक नृत्य विधा में प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें शास्त्रीय संगीत में प्रथम स्थान पर गुड्डी आर्या, वि०मो०जो०स्मा०रा०इ०का० बागेश्वर तथा द्वितीय स्थान पर प्रिंस रा०इ०का० काफलगीगैर रहे। छात्रों हेतु आयोजित लोक नृत्य
में जूनियर वर्ग में डाली प्रथम, तथा द्वितीय भावना आर्या, तथा तृतीय स्थान पर शिवानी और प्रियांशी रही।

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वहीं छात्रों के माध्यमिक वर्ग में प्रथम स्थान पर आदित्य द्वितीय स्थान पर पिंकी तथा तृतीय स्थान पर काजल रहे। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रहे सभी प्रतिभागी आगामी महिने में राज्य स्तर की प्रतियोगिता में देहरादून में प्रतिभाग करेंगे।

डायट के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार पांडे ने कहा इस प्रकार के आयोजन आवश्यक हैं जो शिक्षकों को एवं छात्रों को मंच प्रदान करने में और उनकी प्रतिभाओं को निखारने तथा उनके अंदर छिपे कलाकार को बाहर निकालने में सार्थक और उपयोगी है। ऐस कार्यक्रमों का उद्देश्य शिक्षकों को मंच प्रदान करने से उनका मनोबल उंचा करना और छात्र-छात्राओं को प्रेरित करना होता है। शिक्षकों को मंच पर देखकर छात्र-छात्राएं भी प्रोत्साहित होते हैं और अपनी प्रतिभाओं को उजागर करते हैं।

विशिष्ट अतिथि श्री गिरीश अधिकारी एवं पंकज शाह ने कहा कि वैदिक काल में संगीत शिक्षण की परम्परा के अन्तर्गत गुरु-शिष्य परम्परा में गुरू का उत्तरदायित्व होता था कि वो विद्यार्थी को संगीत के गुण सिखाने के साथ-साथ मंच प्रदर्शन तक शिष्य का मार्गदर्शन करता है एवं इस हेतु उसे मानसिक रूप तैयार करता था जिससे छात्र प्रोत्साहित होते थे अतः इस प्रकार के कार्यक्रम निश्चित ही छात्रों और शिक्षकों के लिए अत्यंत लाभदायक होते हैं।

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कार्यक्रम में अतिथी कलाकार के रूप में श्री गिरीश अधिकारी, स०अ० रा०इ०का० अमस्यारी गरूड़ तथा श्री पंकज साह, स०अ० रा०अ०मा०वि० जुनायल, बागेश्वर का मार्गदर्शन प्रतिभागी छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को प्राप्त हुआ। निर्णायक के रूप में श्री राजेन्द्र प्रसाद, सुर सरिता राज संगीत विद्यालय बागेश्वर, श्रीमति नेहा बधरी मेहता, नेहा डांस अकेडमी बागेश्वर तथा श्रीमति सविता जोशी स०अ० रा०३०का० बागेश्वर उपस्थित रहे। हारमोनियम एवं तबले में संगतकार के रूप में दीपांशु तथा साहिल रा०इ०का० बागेश्वर द्वारा योगदान दिया गया। कार्यक्रम में डॉ राजीव जोशी. डॉ बी०डी० पांडे, डॉ संदीप कुमार जोशी, डॉ के०एस० रावत, डॉ उर्मिला बिष्ट, श्रीमति पूजा लोहनी, डॉ दीपा जोशी, डॉ भुवन पांडे, डॉ सी०एम० जोशी, डॉ हरीश चन्द्र जोशी, डॉ दया सागर, श्री कैलाश प्रकाश चंदोला, श्री विक्रम पिलखववाल, पंकज कुमार, तथा डी०एल०एड० के 34 प्रशिक्षु भी उपस्थित थे।

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