विधानसभा भर्तियों को लेकर रोज नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। कुछ समय पहले दिनों पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को लेकर कई तरह के सवाल उठे थे, जिसके बाद विधानसभा में भर्ती हुए कर्मचारियों को बाहर का रास्ता भी दिखाना पड़ा। लेकिन अब विपक्ष ऋतु खंडूड़ी के पीछे पड़ा है। दो दिन पहले सोशल मीडिया पर खंडूड़ी का विधानसभा स्टाफ की नियुक्ति को लेकर एक पत्र वायरल हुआ। जिस पर ऋतु खंडूड़ी ने आज अपनी प्रतिक्रिया दी है।
ऋतु खंडूड़ी ने कहा जो पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और जिसको लेकर सवाल किए जा रहे हैं। वह मेरे स्टाफ की नियुक्ति के ही हैं। मैंने जो स्टाफ को नियुक्ति दी है वह परमानेंट नहीं है। जब तक मैं चाहूंगी तब तक वह यहां पर रहेंगे और उसके बाद जब मैं हटाना चाहूंगी, तब उनको हटाया जा सकेगा।
खंडूड़ी ने कहा जिस तरह के डिसीजन और जिस तरह की जांच हमने ली है, उसमें अनुभवी लोगों को नियुक्त करना बेहद जरूरी था। यह कोई नया काम नहीं है। हर विधानसभा अध्यक्ष, हर मंत्री और मुख्यमंत्री को यह अधिकार है कि वह अपना निजी स्टाफ कहीं से भी नियुक्त कर सकता है। जिन लोगों को मैंने अपने निजी स्टाफ के तौर पर रखा है, वह मेरे साथ लंबे समय से काम कर रहे हैं। मैं एक वह दूसरे के काम को जानते हैं।
अब लोग यह सवाल कर रहे हैं कि दिल्ली के लोगों को उत्तराखंड में नियुक्ति क्यों दी गई है। मैं उनको बताना चाहूंगी कि हमारे राज्य के लोग भी दूसरे राज्यों के सरकारी विभागों में काम करते हैं। इसलिए यह बातें किसी काम की नहीं है। उन्होंने कहा जो भी लोग यहां पर रखे गए हैं, कोई भी परमानेंट नहीं है। विपक्ष को इस तरह की बातें नहीं करनी चाहिए।