कपकोट: बागेश्वर
राजकीय शिक्षक संघ बागेश्वर की जिला कार्यकारिणी की प्रथम बैठक शनिवार को कपकोट के ओंकार होटल सभागार में सम्पन्न हुई। नव-निर्वाचित कपकोट ब्लॉक इकाई के आयोजन में हुई इस बैठक में जनपद के तीनों ब्लॉक—कपकोट, बागेश्वर एवं गरुड़—की कार्यकारिणियों ने सहभागिता की और शिक्षक हितों को लेकर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श किया।
बैठक का संचालन ब्लॉक मंत्री गुडमोहन ने किया, जबकि शुभारंभ में संरक्षक मंगल बिष्ट ने संगठन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और वर्तमान चुनौतियों पर सारगर्भित विचार रखे।
प्रमुख वक्ताओं ने रखे विचार
बैठक में शिक्षक हितों से जुड़े विविध मुद्दों पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे।
पूर्व ब्लॉक मंत्री महिमन ऐठानी ने प्राथमिक चुनौतियों को रेखांकित किया।
गरुड़ ब्लॉक अध्यक्ष हरेंद्र रावल ने शैक्षिक उन्नयन को संघ के लक्ष्यों में शामिल करने पर बल दिया।
ब्लॉक अध्यक्ष मुकेश नगरकोटी ने ई-पत्रिका के प्रकाशन का सुझाव दिया।
बागेश्वर ब्लॉक मंत्री कौस्तुभानंद ने सेवानिवृत्त शिक्षकों एवं प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के सम्मान का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति मिली।
महिला प्रतिनिधि गंगा पाण्डे ने प्रधानाचार्य पदोन्नति को लेकर सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि उपेक्षा का असर सार्वजनिक शिक्षा पर पड़ेगा।
संगठनात्मक प्रतिबद्धता पर जोर
जिला उपाध्यक्ष हरीश चंद्र भट्ट ने संगठन को “हमारी शक्ति” बताया जबकि वरिष्ठ सदस्य मोहन चंद्र साह ने संकट में संगठनात्मक एकजुटता का आह्वान किया। गोविंद सिंह कोरंगा ने हमेशा अग्रिम पंक्ति में सक्रिय रहने का संकल्प दोहराया।
छह प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित किया गया
द्वितीय सत्र में जिला मंत्री देवेंद्र मेहता के संचालन में शिक्षक हितों को लेकर निम्न प्रस्ताव पारित किए गए:
1. कोविड काल में ग्राम निगरानी सेवाओं में लगे शिक्षकों के अवकाश की मान्यता।
2. शेष बचे अंतर्मंडलीय स्थानांतरण मामलों में शीघ्र आदेश की मांग।
3. स्थानांतरण में पारदर्शिता और कैपिंग के विरोध का प्रस्ताव।
4. पदोन्नति प्रक्रिया को गति देने हेतु प्रांतीय समन्वय की आवश्यकता।
5. 8 किमी से बाहर परीक्षा ड्यूटी का बहिष्कार।
6. शैक्षिक उन्नयन प्रकोष्ठ की स्थापना हेतु समिति गठन।
नेतृत्व की भूमिका पर भी हुआ मंथन
जिला अध्यक्ष गोपाल दत्त पंत ने स्पष्ट किया कि किसी भी शिक्षक का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तर पर समाधान का प्रयास हो, लेकिन जरूरत पड़ने पर जिला संगठन पूरी मजबूती से खड़ा रहेगा।
उल्लेखनीय सहभागिता
चार घंटे तक चली इस बैठक में कपकोट, बागेश्वर और गरुड़ जैसे दुर्गम क्षेत्रों से बड़ी संख्या में शिक्षकों की उपस्थिति ने यह साबित कर दिया कि संगठनात्मक चेतना और प्रतिबद्धता आज भी जीवंत है।
निष्कर्ष
बैठक के अंत में सभी सदस्यों ने आशा जताई कि आगामी बैठकों में भी शिक्षक साथी इसी जोश, जज्बे और जागरूकता के साथ भागीदारी निभाएंगे। बैठक ने यह सिद्ध किया कि संवाद, संघर्ष और समाधान ही संगठन की आत्मा है—और यही आत्मा संगठन को आगे बढ़ाने का आधार बनेगी।






