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आजादी के बीत गए सात दशक, सिमतोली गांव को नहीं मिली सड़क

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पहाड़ में जीवन कितना मुश्किल है, ये बागेश्वर के सिमतोली गांव के साता प्यारा से गाव में देखा जा सकता है। जहां एक बुजुर्ग को ग्रामीण 2 से 3 किलोमीटर पैदल अपने कंधों पर ढोकर खड़ी चढ़ाई में सड़क तक लाए फिर वहां से अस्पताल ले गए। सरकार भले ही चहुँमुखी विकास की बात करती हो लेकिन धरातल पर हकीकत ठीक विपरीत है। इसकी एक उदाहरण बागेश्वर के सिमतोली गांव के साता प्यारा में देखने का मिल रही है। जहां आजादी के सात दशक बाद भी सड़क सुविधा नहीं पहुंच पाई। ऐसे में आज भी ग्रामीण 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलकर सड़क मार्ग तक पहुंचते हैं। जिसका नतीजा ये है कि अब सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हैं। बागेश्वर जिले के सिमतोली टू गांव का साता प्यारा तोक आज भी अभी तक सड़क सुविधा से कोसो दूर है। डोली के जरिए ही आज भी मरीज सड़क तक पहुंच रहे हैं। और सड़क में पहुचने के बाद वहां से मरीज को वाहन से अस्पताल तक ले जाया जाता हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां एक बुजुर्ग दीवान सिंह (उम्र 72 वर्ष) घर में ही गिर गए थे। उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीणों ने डोली तैयार की फिर खड़ी चढ़ाई चढ़कर सड़क मार्ग तक पहुंचाया। जहां से उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। ग्रामीण आनंद सिंह ने बताया कि 15 से 20 साल पहले साता प्यारा में 120 परिवार रहते थे। गांव की आबादी 500 थी। जिला बनने के बाद उम्मीद थी कि गांव का विकास होगा, लेकिन आज भी हालत जस के तस हैं। उन्होंने बताया कि साल 1997 में जिला बनने के बाद ज्यादातर गांवों में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा मिलने लगी, लेकिन उनके गांव में इन सब सुविधाओं के अभाव में आज केवल 70 परिवार ही रह गए हैं।
ग्रामीणों को राशन, रसोई गैस सिलेंडर समेत अन्य सामान घोड़ा-खच्चरों में लादकर लाना पड़ रहा है। गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एएनएम सेंटर तक नहीं है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाने के लिए भी डोली के सहारे 5 किमी दूर बोहाला जाना पड़ता है। जिला अस्पताल जाने के लिए 2 किमी सड़क तक डोली फिर गाड़ी से भेजा जाता है। उन्होंने कहा कि सड़क के लिए कई बार आंदोलन कर चुके हैं। यदि गांव के लिए सड़क नहीं बनी तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। जिला पंचायत सदस्य चंदन रावत ने बताया विधायक के अथक प्रयासों से सिमतोली 2 के लिए सड़क स्वीकृत हुई है। जबकि साता प्यारा सिमतोली 2 का तोक है। सड़क के लिए फॉरेस्ट क्लीरेंस मिल गई है। जल्द ही सड़क बना दी जाएगी। कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक चंदन राम दास ने बताया कि गांव को जल्द सड़क से जोड़ा जाएगा। इसके लिए पहले ही काम किया जा चुका है। कुछ अटकलें हैं उन्हें जल्द दूर कर लिया जाएगा।

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