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डीएलएड प्रशिक्षुओं की परीक्षा पर एक गलती से लग सकता था ग्रहण,समय पर हुआ समाधान

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25 मई से होने वाली डीएलएड परीक्षा पर एक गलती भारी पड़ सकती थी। समय रहते गलती पकड़ में नही आई होती तो मामला गंभीर भी हो सकता था।

डीएलएड परीक्षा के लिए कुमाऊं और गढ़वाल में अलग-अलग प्रश्नपत्र बनाए जाते हैं। जिन्हें सीलबंद कर सभी जिलों में भेजा जाता है। बागेश्वर में होने वाली परीक्षा के लिए गलती से गढ़वाल मंडल के प्रश्नपत्र पहुंच गए थे। जिसके कारण परीक्षा पर संकट के बादल मंडराने के लगे थे। हालांकि विभाग को प्रश्नपत्र के कोड से समय रहते इसकी जानकारी हो गई और इस गलती को सुधार लिया गया।

वही मामले को लेकर जब मुख्य शिक्षाधिकारी गजेंद्र सिंह सौन से बात की तो उन्होंने बताया कि छोटी त्रुटि को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने कर प्रयास किया गया है। प्रश्नपत्र सीलबंद लिफाफे में होते हैं और छपने वाली फर्म से सीधे ट्रेजरी में भेजे जाते हैं। पेपर तीन दिन बाद शुरु होना है, हमारे पास सही समय पर सही पेपर पहुंचे हैं। इसमें गलती होने वाली कोई बात नहीं है। 

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