logo

खड़िया खनन से ऐतिहासिक कालिका मंदिर की मूर्ति खिसकने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने मशीन से खड़िया खनन पर लगाई रोक।

खबर शेयर करें -

बागेश्वर कांडा के प्रसिद्ध मां कालिका मंदिर क्षेत्र में मशीनों से हो रहे खड़िया खनन से मंदिर की नीव में दरार आने मंदिर की मूर्ति करीब दो इंच खिसक गई है। जिसकी जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी ने मंदिर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद मंदिर जिलाधिकारी ने जेसीबी मशीनों से खड़िया खनन पर रोक लगा दी है। साथ ही भू-विज्ञानियों से जांच कराने के आदेश भी दिए हैं।

बता दे की मान्यता के अनुसार कई वर्षो पहले इस क्षेत्र में प्रतिवर्ष एक व्यक्ति की अकाल मौत होेने से लोग परेशान थे। तब आदि गुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर की स्थापना की थी। उन्होंने स्थानीय लोहारों से लोहे की नौ कढ़ाही बनवाई। ऊपर एक विशाल शिला रख दी। एक पेड़ की जड़ में मां कालिका मूर्ति की स्थापना की। तब से यहां काल की आशंका समाप्त हो गई। वर्ष 1947 में यहां पर विधिवत रूप से मां कालिका का मंदिर बनाया गया और वर्ष 1998 में इसे भव्य रूप दिया गया। अभिलेखों के अनुसार यहां का इतिहास एक हजार वर्ष पुराना है। वही जिलाधिकारी के मंदिर पहुंचने पर पुजारी रघुवीर माजिला ने उन्हें बताया कि क्षेत्र में अवैध खड़िया खनन हो रहा है। इससे मकानों को भी खतरा पैदा हो रहा है। जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि सुरक्षा उपाय करने के साथ ही और भू-विज्ञानियों से जांच कराई जाएगी। इस मंदिर की स्थापना शंकराचार्य ने 10वीं शताब्दी में की थी। बाद में आपसी सहयोग से लोगों ने मंदिर बनाया और फिर पर्यटन विभाग ने मंदिर को भव्य स्वरूप दिया। पहले भी में यहां खनन का विरोध भी हुआ है। वही लगभग दो वर्ष पूर्व मंदिर की नींव में दरार दिखने पर तहसील प्रशासन को सूचना भी दी गई। लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। अब मंदिर के पुजारी रघुवीर ने माता की मूर्ति को खिसका देखा और मंदिर का एक हिस्सा झुकने लगा तो वो चिंतित हो गए। उन्होंने मुख्यमंत्री, पर्यटन मंत्री को भी पत्र भेजकर ऐतिहासिक धरोहर को बचाने की अपील की है। जिसके बाद जिलाधिकारी ने मंदिर क्षेत्र के पास जेसीबी मशीन से खड़िया खनन पर रोक लगा दी है।

Leave a Comment

Share on whatsapp