बुल्ली बाई ऐप मामले में मुंबई कोर्ट ने रुद्रपुर की रहने वाली आरोपी युवती की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले भी युवती की जमानत याचिका को कोर्ट से खारिज कर दिया था। इस मामले में अभी युवती को फिलहाल कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है।
शुक्रवार को मुंबई सेशन कोर्ट ने बुल्ली बाई ऐप मामले की आरोपी युवती की जमानत याचिका खारिज किया है. बुल्ली बाई ऐप के जरिये यूजर्स को मुस्लिम महिलाओं की सार्वजनिक नीलामी में भाग लेने की अनुमति देकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई थी. जिसके बाद पुलिस ने बुल्ली ऐप के संचालकों की खिलाफ शिकंजा कसते हुए उनकी गिरफ्तारी की थी.
बताया जा रहा है कि आरोपी युवती ने अपनी जमानत के लिए यह दूसरी बार याचिका कोर्ट में लगाई थी. इससे पहले मजिस्ट्रेट कोर्ट के जज एसजे घराट ने युवती की जमानत याचिका को खारिज किया था. जिसके बाद आज एक बार फिर सेशन कोर्ट से युवती की जमानत याचिका खारिज की गई है.
पिछले कुछ दिनों से देश में बुली बाई की चर्चा खूब हो रही है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर क्या है यह बुली बाई ऐप और क्यों इसे लेकर इतना बखेड़ा खड़ा हो रहा है. बुली बाई एप गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर पर नहीं मिलता. यह गिटहब नाम के प्लेटफॉर्म पर मौजूद है.
आसान शब्दों में कहें तो यहां मुस्लिम महिलाओं की बोली लगाई जा रही थी. जब आप इस ऐप को ओपन करते हैं तो स्क्रीन पर मुस्लिम महिलाओं का चेहरा नजर आता है, जिसे बुली बाई नाम दिया गया है. इसमें उन मुस्लिम महिलाओं का नाम यूज किया जा रहा है जो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं. इन मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को प्राइसटैग के साथ साझा किया गया है.यही नहीं, बुली बाई नाम के एक ट्विटर हैंडल से इसे प्रमोट भी किया जा रहा था. इस हैंडल पर मुस्लिम महिलाओं को बुक करने की भी बात लिखी गई थी. हालांकि भारत सरकार के दखल के बाद अब इस ऐप और इस ट्विटर हैंडल को हटा दिया गया है.
बुली बाई ऐप गिटहब प्लेटफॉर्म पर ही मौजूद था. ऐसे में यहां ये भी समझना जरूरी है कि आखिर गिटहब क्या है. गिटहब एक ओपन सोर्स प्लेटफॉर्म है और यह अपने यूजर्स को कोई भी ऐप क्रिएट करने और उन्हें शेयर करने का ऑप्शन देता है. आप यहां पर्सनल या प्रोफेशनल किसी भी तरह का ऐप शेयर करने के साथ ही उसे बेच भी सकते हैं.
जानकारी के हिसाब से बुली बाई ऐप बिल्कुल सुल्ली डील्स (Sulli Deals) की तरह है. सुल्ली डील्स पिछले साल सुर्खियों में आया था. उसमें भी मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों का मिसयूज किया गया था. खास बात ये है कि सुल्ली डील्स को भी गिटहब प्लेटफॉर्म पर ही चलाया गया था. हालांकि शिकायत मिलते ही दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई की थी और एक बार फिर बुली बाई ऐप मामले में भी दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई है. पुलिस ने गिटहब से इसे बनाने वाले की जानकारी मांगी है. साथ ही ट्विटर से उस अकाउंट की डिटेल मांगी गई है, जिसने पहली बार इसे ट्वीट किया था.
आरोपी युवती रुद्रपुर के वॉर्ड नंबर-14 आदर्श कॉलोनी में रहने वाली है. युवती का संपर्क बेंगलुरु के रहने वाले मुख्य आरोपी विशाल कुमार से था. विशाल कुमार भी मुंबई पुलिस बुली बाई ऐप मामले (Bulli Bai app case) में गिरफ्तार कर चुकी है. आरोपी युवती की परिवार की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है. उनके घर का खर्च भी वात्सल्य योजना से चलता है. पैसों के लालच में युवती इस मामले में फंसी है. मुंबई पुलिस ने आईपीसी 153ए, 153बी, 295ए, 509, 500, 354डी, और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत युवती पर केस दर्ज किया है.