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बद्रीनाथ धाम के खुले कपाट,20 हजार से अधिक श्रद्धालु रहे मौजूद।

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बद्रीनाथ धाम के कपाट सुबह 6 बजकर 15 मिनट शुभमुर्हत पर श्रद्धालुओं के लिये खुले। कपाट अपने तय अनुसार विधिविधान तथा मंत्रोच्चारण के साथ खुले। कपाट खुलने के दौरान 20 हजार श्रद्धालु इस पल के साक्षी बने। कपाट खुलने के दौरान संस्कृत विद्यालय के छात्रों द्वारा स्वस्तिवाचन का पाठ किया गया। बद्रीनाथ धाम के कपाट ग्रीष्मकाल के लिये 6 माह के लिये खुले। कोरोनकाल के चलते पिछले दो सालों से श्रद्धालु कपाट खुलने के दौरान धाम नही पहुँच पाये थे। बद्रीनाथ धाम मैं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।

बद्रीनाथ धाम के कपाट आज 8 मई को ब्रह्म मुहूर्त में 6:15 बजे खोल दिए गए. अगले छह महीने तक श्रद्धालु मंदिर में भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर सकेंगे. इस पावन मौके का साक्षी बनने के लिए भारी संख्या में श्रद्धालु बदरीनाथ पहुंचे हैं. कपाट खुलने के अवसर पर भगवान बदरीविशाल को शीतकाल के दौरान औढ़ाए गए घी से लेपित उनके कंबल का प्रसाद वितरित हुआ. इस दौरान श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही।

बदरीनाथ धाम के साथ ही आज सुबह 6:15 बजे सुभांई गांव स्थित भविष्य बदरी धाम के कपाट भी खोले गए. उधर, केदारपुरी के रक्षक बाबा भुकुंट भैरव मंदिर के कपाट खुलने के साथ शनिवार से केदारनाथ धाम में नित्य पूजाएं व शाम की आरती शुरू हो गई. बता दें कि शनिवार को पांडुकेश्वर के योग ध्यान बदरी मंदिर से बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, नायब रावल शंकरन नंबूदरी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल और बदरीनाथ के वेदपाठी आचार्य ब्राह्मणों की अगुवाई में भगवान उद्धव जी की डोली, आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी व तेल कलश यात्रा (गाडू घड़ा) दोपहर बाद बदरीनाथ धाम पहुंची थी.

कुबेर जी की डोली रात्रि प्रवास के लिए बामणी गांव पहुंची थी. रविवार को सुबह पांच बजे कुबेर जी की डोली ने बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया. बदरीनाथ-केदरनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार, पूर्व विधायक महेंद्र भट्ट, बदरीनाथ के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह के साथ ही अन्य बीकेटीसी कर्मचारियों व तीर्थयात्रियों ने रावल, शंकराचार्य गद्दीस्थल और गाडू घड़ा का फूल-मालाओं और बदरी विशाल के जयकारों के साथ स्वागत किया। उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार ने भगवान बद्री विशाल के दर्शन किये।

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