मार्च से जून तक की गई हड़ताल अवधि का मानदेय नहीं मिलने से आक्रोशित मनरेगा कर्मचारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन किया। कर्मचारी सरकार से हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड वेतन देने की भी मांग कर रहे हैं। लगातार मांगों की अनदेखी किए जाने से कर्मचारियों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ रही है। कर्मचारियों ने समस्याओं का निदान नहीं होने पर विधानसभा चुनाव में सरकार का विरोध करने की चेेतावनी दी है।
मनरेगा कर्मचारी संगठन के जिलाध्यक्ष धीरज सिंह रावत के नेतृत्व में कर्मचारियों ने कलक्ट्रेट में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। संगठन के महासचिव मोहन राम आर्या ने बताया कि मनरेगा कर्मचारियों ने मांगों को लेकर 15 मार्च से सात जून तक आंदोलन किया था।
शासन से आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल समाप्त हुई थी, लेकिन सरकार ने मांग पूरी करने की बजाय मानदेय ही रोक दिया। पहली कैबिनेट बैठक में भी हड़ताल के दिनों का मानदेय भुगतान की स्वीकृति प्रदान कर दी गई थी, लेकिन अब तक कर्मचारियों को मानदेय नहीं दिया गया है।
वहीं कर्मचारियों की हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर ग्रेड पे लागू करते हुए सम्मानजनक मानदेय देने की मांग भी पूरी नहीं हो सकी है। कहा कि अगर सरकार लगातार कर्मचारियों की अनदेखी करती रही तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इस मौके पर संतोष भट्ट, विशाल नेगी, संतोष पांडेय आदि मौजूद रहे।