दरारों के कारण जोशीमठ शहर अभी तक ठीक तरह से पटरी पर नहीं आ सका है इसी बीच जोशीमठ में चल रहे आंदोलन को लेकर दो तरफा राजनीति शुरू हो गई है। जोशीमठ में आई दरारों को लेकर आंदोलन कर रहे पीड़ित परिवारों के बीच पर्यावरणविद और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेघा पाटेकर सोमवार को जोशीमठ पहुंची और जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे आंदोलन को अपना समर्थन दिया। इस दौरान पाटेकर ने उत्तराखंड के लिए सरकार के विकास मॉडल को विनाश मॉडल करार दिया। उन्होंने कहा कि देवभूमि में जितनी भी जल विद्युत परियोजनाए कार्य कर रही है वह देवभूमि के हित में नहीं है। पाटेकर ने कहा कि उनका जल जंगल जमीन से पुराना नाता रहा है नर्मदा बचाओ आंदोलन से लेकर वेद जल जंगल जमीन को बचाने के लिए जगह-जगह अपनी आवाज उठाती रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को जोशीमठ के पीड़ित परिवारों की सुध ले कर उनको उचित विस्थापन और पुनर्वास देना चाहिए साथ ही जोशीमठ के लोगों की सरकार के साथ जो सहमति बनी है उस पर सरकार को खरा उतरना चाहिए।
सत्ताधारी दल भाजपा के कार्यकर्ताओ ने आंदोलकारियो को काले झंडे दिखाकर गो बैक के नारे लगाए
पाटेकर की जोशीमठ स्थित तहसील प्रांगण में पहुंचने पर भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने मेघा पाटेकर का काले झंडे दिखाकर विरोध किया साथ ही भाजपाइयों ने मेघा पाटेकर गो बैक के नारे भी लगाए इस दौरान भाजपाइयों ने जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के नेता अतुल सती को आंदोलन जीबी बताते हुए कहा कि यह आंदोलन को भड़का कर जोशीमठ के व्यापार को तबाह करना चाहते हैं।
और जोशीमठ में बेवजह चल रहे इस आंदोलन के कारण जोशीमठ का व्यापार पटरी से उतर गया है और तीर्थ यात्रियों के मन में भय का माहौल पैदा हो गया है जिस कारण जोशीमठ में तीर्थयात्री रुकने को तैयार नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ऋषि प्रसाद सती ने मेघा पाटेकर पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये एनजीओ चलाने के नाम पर कई घोटाले कर चुकी हैं और जोशीमठ आकर अपनी राजनीति की तलवार को धार दे रही है। विरोध करने वालों में जयप्रकाश भट्ट नितिन व्यास, नीतीश चौहान, सुभाष डिमरी, लक्ष्मण फरकिया, सौरभ राणा आदि कई लोग मौजूद रहे।
107 दिन दिया धरना, धामी पर लगाया की वादाखिलाफी का आरोप
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के नेता अतुल सती ने कहा कि जोशीमठ के लोगों ने पिछले 107 दिन तक तहसील प्रांगण में बैठकर धरना दिया था जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आश्वासन के बाद धरना स्थगित किया गया था परंतु धामी के साथ जिन सभी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर सहमति बनी थी धामी ने उनमें से एक भी मांग पूरी नहीं की है। जिलाधिकारी चमोली पर आरोप लगाते हुए कहा कि जोशीमठ आपदा प्रभावितों की तरफ जिला अधिकारी का कोई ध्यान नहीं है जिलाधिकारी धामी के निर्देश को भी नकार गए। साथ ही उन्होंने कहा कि जिन 8 संस्थाओं ने जोशीमठ का भूगर्भीय सर्वेक्षण किया है उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए।