कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण ने आज फिर मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि रखते हुए बागेश्वर वृद्धाश्रम में रहने वाली स्वर्गीय कुंती देवी जी का पुत्र धर्म निभाते हुए बागेश्वर सरयू गोमती संगम पर अंतिम संस्कार समाज कल्याण बागेश्वर के साथियों के साथ मिलकर किया।
इंसानियत सिखाई नहीं जाती वो आपके संस्कारों व व्यवहार में होती है।
वर्तमान परिस्थितियों में हमको हिन्दू, मुस्लिम जात पात सब मिल जाएंगे लेकिन एक सच्चा इंसान मिलना मुश्किल है।
ऐसा ही एक सच्ची इंसानियत का स्वरूप हैं। पूर्व विधायक कपकोट ललित फर्स्वाण जो हर किसी के दुख में सहभागी मिलते हैं। मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि रखते हुए अपनी इंसानियत और संस्करों का परिचय देते हुए। उन्होंने अल्मोड़ा से बागेश्वर वृद्धा आश्रम में आई एक निराश्रित वृद्ध महिला कुंती देवी को मुखाग्नि देकर दिया। करीब 10 वर्षों से वृद्धाश्रम में रह रही कुंती देवी के परिजनों की सूची समाज कल्याण बागेश्वर और वृद्धाश्रम के रिकॉर्ड में भी नहीं थी। ऐसे में जब ललित फर्स्वाण को महिला के देहांत की सूचना प्राप्त हुई तो उन्होंने बेटे का फर्ज निभाते हुए विधि विधान से उसका अंतिम संस्कार किया।
एक निराश्रित महिला का बेटा बनकर जो फर्ज उन्होंने निभाया लाखों करोड़ों में कोई निभाता है।