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गोपनीय दस्तावेज लश्कर-ए-तैयबा को लीक करने के आरोप मे आइपीएस अधिकारी गिरफ्तार

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पूर्व पुलिस अधीक्षक और आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी को कथित तौर पर गुप्त रूप से गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी के आधिकारिक प्रवक्ता बताया कि प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा आतंकी समूह के एक ओवर ग्राउंड वर्कर को दस्तावेज सौंपने के आरोप में यह गिरफ्तारी की गई है. प्रवक्ता ने कहा कि 2011 के आईपीएस बैच में पदोन्नत एक पुलिस अधिकारी नेगी को पिछले साल 6 नवंबर को एनआईए द्वारा दर्ज एक मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया है.मामला भारत में आतंकवादी गतिविधियों की योजना और क्रियान्वयन में सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा के ओवर ग्राउंड वर्कर्स के नेटवर्क के प्रसार से संबंधित है. एनआईए ने इस मामले में पहले छह लोगों को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान शिमला में तैनात दिग्विजय नेगी आईपीएस की भूमिका का सत्यापन किया गया और उनके घर की तलाशी ली गई. यह भी पाया गया कि एनआईए के आधिकारिक गुप्त दस्तावेज एडी नेगी द्वारा एक अन्य आरोपी व्यक्ति को लीक किए गए थे, जो इस मामले में लश्कर-ए-तैयबा का सहायक है.

मूल रूप से किन्नौर के रहने वाले अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी निर्भीक और ईमानदार अफसर के रूप में माने जाते रहे हैं. प्रदेश में वर्ष 2006 में सामने आए सीपीएमटी पेपर लीक केस की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम में वह बतौर डीएसपी प्रमुख जांचकर्ता थे. अभिभावकों ने भी उन्हें जांच अधिकारी के तौर पर नियुक्त करने की मांग उठाई थी. उस वक्त इस मामले में एक सिटिंग मंत्री के भाई समेत 119 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र बना था. इसके अलावा वह शिमला के बहुचर्चित इशिता तेजाब कांड के आरोपियों को पकड़ने और कई अन्य मामलों की छानबीन के लिए भी चर्चित रहे हैं.

एनआईए में रहते हुए भी वह काफी सुर्खियों में रहे. जांच के तहत पिछले दिनों एनआईए ने उनके किन्नौर स्थित ठिकाने और सिरमौर में भी उनके एक करीबी के यहां छापेमारी की थी. इस सर्च रेड का कारण यह है कि उनका नाम जम्मू-कश्मीर के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता से संवेदनशील सूचनाएं साझा करने से जुड़ा है.अरविंद दिग्विजय नेगी का शिमला से भी अहम नाता रहा है. हालांकि दिग्विजय नेगी किन्नौर जिले के हैं, लेकिन वह शिमला में ही पले बढ़े और उनकी पढ़ाई भी शिमला में ही हुई. उन्होंने शिमला के चौड़ा मैदान में स्थित कोटशेरा कॉलेज से अपनी स्नातक की डीग्री पूरी की थी. इसके अलावा उन्होंने हिमाचल की राजधानी शिमाल में भी अपनी सेवाएं दी हैं.

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