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200 करोड़ की मनी लांड्रिंग मामले में सीएम धामी ने कहा कानून तोड़ने वालो को छोड़ा नही जाएंगा

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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह के औद्योगिक सलाहकार की पत्नी की कंपनी के 200 करोड़ रुपए की मनी लॉंड्रिंग की घटना से सीएम धामी भी गुस्सा हैं। सीएम धामी ने कहा कि हमने तय किया है कि उत्तराखंड में कानून के खिलाफ जाने वाले किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व सीएम के औद्योगिक सलाहकार की पत्नी की कंपनी के खिलाफ 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच के मुद्दे पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। सीएम धामी ने कहा कि हमने तय किया है कि उत्तराखंड में कानून के खिलाफ जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएम धामी का ये बयान सोशल बेनिफिट म्यूचुअल फंड लिमिटेड कंपनी के खिलाफ 200 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के आदेश के बाद आया है। उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने मंगलवार को ही सोशल बेनिफिट म्यूचुअल फंड लिमिटेड कंपनी के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा को अग्रिम जांच के आदेश दे दिए हैं।

राजधानी देहरादून में सोशल बेनिफिट म्यूचुअल फंड लिमिटेड कंपनी के खिलाफ 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप के तहत पुलिस मुख्यालय ने आर्थिक अपराध शाखा को अग्रिम जांच के आदेश दे दिए हैं। जानकारी के अनुसार इससे पहले शासन के आदेश पर एसटीएफ ने प्रारंभिक जांच में पाया कि आरोपी म्यूचुअल फंड कंपनी ने आरडी और एफडी इन्वेस्टमेंट की आड़ में मनी लॉन्ड्रिंग की है। अभी इसकी इन्वेस्टिगेशन इकोनॉमिक ऑफेंस विंग द्वारा पूर्ण होने के बाद ही पुष्टि होगी।

मामले के अनुसार साल 2017 से 2020 तक आरोपी सोशल बेनिफिट म्यूचुअल फंड कंपनी द्वारा निधि योजना के नाम से मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध कार्य किया गया। इस मामले में वर्तमान में हरिद्वार के खानपुर विधायक उमेश कुमार ने शिकायत की। जिसके आधार पर प्रारंभिक जांच के बाद अब पुलिस मुख्यालय द्वारा आर्थिक अपराध शाखा को इस पूरे मामले की जांच सौंपी गई है। आरोप है कि साल 2017 से 2020 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार की पत्नी द्वारा इस नेचुरल फंड कंपनी निदेशक के तौर पर संचालित किया जा रहा था।

प्रारंभिक जांच में तथ्य आए सामनेः इस मामले में राज्य में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी मुरुगेशन ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के तथ्य सामने आए हैं. उसी के आधार पर ईओडब्ल्यू को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी गई है. विवेचना पूर्ण होने पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

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