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हरिद्वार मे कुट्टू का आटा खाने से बीमार मरीजो की सँख्या हुई 122,कांग्रेस सदन मे उठाएगी मामला।

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हरिद्वार में पहली नवरात्रि के दिन कुट्टू के आटा खाने से हुए फूड प्वॉइजनिंग के मामले में अब हरिद्वार में तैनात अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग उठने लगी है। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने अस्पताल पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना. इस दौरान संतों ने इस घटना को साजिश करार देते हुए सीएम से जांच की मांग की है. वहीं, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडे ने फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट को सैंपल लेने और जांच करने के आदेश दिए हैं. हरिद्वार के कांगड़ी और ब्रह्मपुरी में कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से मरीजों की संख्या बढ़ गई है. अभी तक कि जानकारी के मुताबिक मरीजों की संख्या 122 पहुंच गई है. वहीं, अब मरीजों से मिलने नेताओं और संत भी पहुंचने लगे हैं. सबसे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक मरीजों से मिलने पहुंचे, जिसके बाद साधु संतों ने भी मरीजों से बात की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से बात करते हुए मुख्यमंत्री से पूरे मामले की जांच कराए जाने की मांग की है.

मरीजों से मिलने पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि उन्होंने जीडी हॉस्पिटल व मेला हॉस्पिटल में एडमिट सभी मरीजों का हालचाल जाना है, सभी डॉक्टर्स सही तरह से कार्य कर रहे हैं और कोई भी मामला सीरियस नहीं है. उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि सभी दुकानों के सैंपल लिए जाएं और जो भी तथ्य सामने आते हैं उसके आधार पर कार्रवाई की जाए. मरीजों का हालचाल जानने पहुंचे साधु-संतों ने इसे एक बड़ा षड्यंत्र बताया है. स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा है कि कि यह हिंदुओं के खिलाफ एक सोची समझी साजिश हो सकती है लेकिन माता रानी के आशीर्वाद से कोई भी घटना नहीं घटी है. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह है कि वह इस पर जांच बैठाएं और तुरंत फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारियों को सस्पेंड किया जाना चाहिए.वही कांग्रेस पार्टी ने कहा कि मामले को वह सदन में उठाएंगे। कांग्रेसी विधायक रवि बहादुर ने मामले को सदन में उठाने की भी बात कही है. रवि बहादुर ने कहा कि उन्होंने पहले ही सदन में इस बात को कहा था कि नवरात्रि में फूड प्वॉइजनिंग के मामले कुट्टू के आटा खाने से काफी अधिक हो रहे हैं, जो कि पहले नहीं हुआ करते थे. उसके बावजूद भी अधिकारियों और प्रशासन में ने लापरवाही बरती है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस मामले सदन में उठाया जाएगा।

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