उच्च न्यायालय नैनीताल ने गरुड़ के नौघर ग्राम पंचायत में विकास के नाम पर की गई अनियमितताओं के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए। बीडीओ गरुड़ द्वारा न्यायालय को गुमराह करने पर दस हजार का जुर्माना लगाकर फिर से तीन सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठ ने अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद के लिए तय की है। न्यायालय ने पूछा कि अभीतक जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई और समस्त रिकार्ड के साथ दुबारा से जवाब पेश करने को कहा।
मामले के अनुसार नौघर गरुड़ बागेश्वर निवासी नारायण सिंह नयाल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उनके ग्राम पंचायत में 2013 से 2018 के बीच मे विकास के नाम पर कई अनियमितताएं विभागीय कर्मचारियों द्वारा की गई। जो विकास कार्य किए गए है वे आधे अधूरे व गुणवत्तायुक्त नही किये गए। जिसकी शिकायत उनके व अन्य ग्रामीणों के द्वारा बार बार उच्च अधिकारियों से की गई ।
जाँच होने के बाद अनियमितताएं सही पाई गई । उसके बाद भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई। उनके द्वारा जनहित याचिका में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। पूर्व में न्यायालय ने ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर से जवाब पेस करने को कहा था। आज बीडीओ द्वारा शपथपत्र पेस किया गया लेकिन न्यायालय उनके शपथपत्र से सन्तुष्ट नही हुई। न्यायालय ने उनसे फिर से जवाब पेस करने को कहा है।