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धरोहर मंच नेपाल से गढ़वाल तक निकालेगा गोल्ज्यू संदेश यात्रा,संस्कृति बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरुरी: मर्तोलिया

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बागेश्वर। पहाड़ की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण और समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए अपनी धरोहर मंच अप्रैल-2022 में नेपाल से गढ़वाल तक गोल्ज्यू संदेश यात्रा निकालेगा। इसके लिए सोमवार को एक बैठक नगर में हुई

नगरपालिका सभागार में हुई बैठक की शुरुआत मुख्य अतिथि जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद भट्ट, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक और संस्था के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया और सचिव विजय भट्ट ने संयुक्त रूप से की। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष गीता रावल और महिला संयोजक चंद्रा उपाध्याय ने शगुन आखर गाए।

मुख्य अतिथि भट्ट ने कहा कि गोल्ज्यू संदेश यात्रा हमारी समृद्ध धार्मिक विरासत को आगे बढ़ाने का संदेश देगी। यात्रा के तहत न्याय के देवता गोल्ज्यू के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी। संस्था के अध्यक्ष मर्तोलिया ने कहा कि मंच संस्कृति के संरक्षण के लिए कार्य करता है जिसके तहत पहाड़ों की विलुप्त हो रहीं परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहरों को लोगों तक पहुंचाना और युवाओं को इससे जोड़कर संस्कृति को बचाने के लिए एकजुट होकर प्रयास करना है। संस्था के प्रदेश सचिव विजय भट्ट और प्रदेश उपाध्यक्ष मनमोहन चौधरी ने बताया कि जिन स्थानों पर गोल्ज्यू मंदिर हैं, वहां से यात्रा गुजरेगी।

भुवन कांडपाल व हरीश सोनी, बृजमोहन वर्मा ने यात्रा में शिल्पी, जगरिये व डंगरियों को शामिल करने का सुझाव दिया। दलीप सिंह खेतवाल, जयंत सिंह भाकुनी ने संस्कृति बचाने के साथ पलायन रोकने की बात कही। वृक्ष पुरुष किशन मलड़ा और रमेश पर्वतीय ने कहा कि संस्था के माध्यम से गोल्ज्यू वन स्थापित करने की मांग रखी। रेखा गोस्वामी ने पारंपरिक वाद्य यंत्र व स्थानीय भाषा के संरक्षण की आवश्यकता जताई। अध्यक्षता करते हुए मोहन जोशी ने कुमाऊंनी भाषा का पाठ्यक्रम अब तक प्रारंभ नहीं होने पर निराशा जताई। गोष्ठी में जिला संयोजक अशोक लोहनी, तुलसी अधिकारी, किरन पांडे, कैलाश अंडोला, बाला दत्त तिवारी, धीरज चौबे, गणेश रावत, अनिल साह आदि थे।

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