उत्तराखंड में शिक्षा व्यवस्था दिन प्रतिदिन बदहाल हो रही है दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात शिक्षक लगातार कुछ ना कुछ गड़बड़ी करते नजर आ रहे हैं दुरुस्त क्षेत्रों में शिक्षक लगातार नदारद रहते हैं तो कई स्कूलों पर ताला लटका हुआ रहता है लेकिन एक नया प्रकरण भी यहां देखने को मिल रहा है जनपद पौड़ी के एकेश्वर ब्लॉक में प्राइमरी स्कूल की प्रधानाध्यापिका मैं अपनी जगह गांव के युवती को ₹10000 प्रति माह पढ़ाने के लिए रखा था युवती प्रधानाध्यापिका की जगह स्कूल में पढ़ा रही थी। बता दें कि एकेश्वर ब्लॉक में प्राथमिक विद्यालय बंठोली के प्रधानाध्यापिका की लंबे समय से शिकायत हो रही थी लेकिन आश्चर्य की बात है कि इससे पहले इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। शिक्षा विभाग के अधिकारी इस मामले में अब जागे हैं मुख्य शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापिका को सस्पेंड कर दिया है साथ ही प्रधानाध्यापिका को बीईओ कार्यालय में अटैच कर दिया गया है।
आपको बता दें किस तरह दुर्गम विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य हमेशा खतरे में रहता है शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी इन विद्यालयों का निरीक्षण कभी करते ही नहीं जिस वजह से इस तरह की कहानियां सामने आती रहती हैं। और हमेशा उनके द्वारा बिना निरीक्षण किए ही रिपोर्ट अव्वल भेजी जाती है। लगातार शिकायत मिलने के बाद भी इन क्षेत्रों का निरीक्षण नहीं किया जाता है वहीं राजकीय प्राथमिक विद्यालय बंठोली के बारे में लगातार शिकायतें मिल रही थी मुख्य शिक्षा अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा आनंद भारद्वाज के अनुसार इस स्कूल की प्रधानाध्यापिका द्रौपदी मधवाल के द्वारा कई बार अकारण ही स्कूल बंद रखा जाता था यही नहीं प्रधानाध्यापिका ने पठन-पाठन के लिए अपने जगह गांव की युवती को रखा था जो विद्यालय में प्रधानाध्यापिका के सभी विषय पढ़ाती थी इसके एवज में प्रधानाध्यापिका उसे ₹10000 प्रतिमा देती थी साथ ही कई बार के औचक निरीक्षण में विद्यालय बंद भी पाया गया मामले की गंभीरता को देखते हुए सीईओ व बेसिक ने उसे निलंबित कर दिया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि उनके द्वारा इस मामले की शिकायत लगातार की जाती रही है लेकिन कभी भी उनकी सुनी नहीं गई उनके द्वारा लगातार शिक्षक की अनुपस्थिति और कई बार स्कूलों को बिना कारण के बंद रखने की शिकायत की गई थी लेकिन उनकी शिकायत पर अब जाकर विभाग ने कार्रवाई की है।