उत्तरायणी मेला सीमित होने के बाद नगरपालिका ने नगर की साफ-सफाई के लिए अस्थाई तौर पर नियुक्त किए पर्यावरण मित्रों की सेवा समाप्त कर दी है। काम से हटाए जाने पर पर्यावरण मित्रों ने गहरी नाराजगी जताई और पालिकाध्यक्ष का किया घेराव। पर्यावरण मित्रों ने तय अवधि तक उन्हें काम पर रखे जाने की मांग की है।
उत्तरायणी मेले के दौरान सफाई व्यवस्था दुरुस्त किए जाने को लेकर पालिका ने नियमित पर्यावरण मित्रों के अलावा 33 अस्थाई पर्यावरण मित्रों को भी एक महीने के लिए काम पर रखा था। 25 दिसंबर से पर्यावरण मित्र कार्य कर रहे थे, मेले की अवधि कम होने के बाद पालिका ने उन्हें सेवा से मुक्त करने का निर्णय लिया।
जिसके विरोध में अस्थाई पर्यावरण मित्रों ने रविवार को पालिका परिसर में जाकर विरोध दर्ज कराया। पालिका में मेले को लेकर समिति की बैठक चल रही थी। इसी दौरान पर्यावरण मित्र वहां गए और उन्होंने सेवा से हटाए जाने पर विरोध जाहिर किया। कहा कि कई पर्यावरण मित्र बाहर से भी यहां पहुंचे हैं। अब उन्हें अचानक हटा देने से आने-जाने का किराया भी नहीं निकलेगा। उन्होंने पालिकाध्यक्ष से तय तिथि 26 जनवरी तक कार्य कराने की मांग की।
इधर, नगरपालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने कहा कि मेले के भव्य आयोजन को देखते हुए अस्थाई पर्यावरण मित्र तैनात किए गए थे। अब मेला सीमित होने से पालिका अतिरिक्त खर्च वहन नहीं कर सकती है। जिसके चलते पर्यावरण मित्रों को कार्यमुक्त करने का निर्णय लिया गया है।