logo

सुनो सरकार!
प्रदीप की दौड़ के साथ हजारों युवा भी सालों से दौड़ रहे हैं रोजगार की तलाश में,अब तो थामो पलायन को…

खबर शेयर करें -

यू तो पहाड़ का हर युवक आर्मी में जाने को बेताब रहता है पर नोएडा की सड़कों पर रात को दौड़ लगाते प्रदीप की आर्मी में जाने के लिए की जाने वाली मेहनत पहाड़ में लगातार बढ़ रही बेरोजगारी और पलायन के दर्द को भी बया करती है। नोएडा की सड़क में एक लड़का पीठ पर बैग लगाये दौड़ रहा है। ऐसे दौड़ रहा है जैसे वह किसी रेस का हिस्सा हो। रात के बारह बजे पसीने से भीगी उसकी छवि हर किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकती है। गाड़ी में बैठा व्यक्ति जब उसे घर छोड़ने का प्रस्ताव देता है तो वह बड़े विनम्र भाव से मना कर देता है। लड़के द्वारा प्रस्ताव मना करने की घटना इस रात को और गम्भीर बना देती है। पता पूछने पर लड़का बताता है वह अल्मोड़ा का रहने वाला है मैकडॉनल्ड्स में नौकरी करता है। उसकी उम्र 19 साल की है नाम है प्रदीप महरा।

प्रदीप मेहरा

नोएडा की सड़कों पर बिना किसी की चिंता किये प्रदीप सेना में भर्ती होने के लिये तैयारी कर रहा है। वह रात के खाने का प्रस्ताव ठुकरा देता है क्योंकि 10 किमी की दौड़ पूरी होने के बाद उसे अपने कमरे में जाना है और नाईट ड्यूटी पर गये अपने बड़े भाई के लिये खाना बनाना है। प्रदीप की ईजा बीमार है बाबू ईजा के साथ अस्पताल में हैं। 19 बरस की प्रदीप की मिनटों की कहानी न केवल पूरे पहाड़ का दर्द बयाँ करती है बल्कि पहाड़ के युवाओं का ज़ज्बा भी बयाँ करती है। बेरीनाग से मुम्बई का सफ़र तय करने वाले फ़िल्मकार विनोद कापड़ी जब 19 साल के इस युवा से उसका वीडियो वायरल हो जाने की बात कहते हैं तो वह जवाब देता है- कोई बात नहीं होने दो कोई गलत काम थोड़े कर रहा हूं। तीन मिनट का यह वीडियो सड़कों पर प्रदीप के तेज दौड़ते क़दमों के साथ खत्म होती है अब नोएडा की सड़कों की चमक प्रदीप के क़दमों की चमक के सामने धुंधली नजर आ रही है।

Leave a Comment

Share on whatsapp