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श्रम विभाग की लापरवाह कार्यप्रणाली से श्रमिक महिलाओ को नही मिल पाई सामग्री।

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जिले में श्रम प‌्रवर्तन विभाग की कार्यप्रणाली ने श्रमिकों की परेशानी बढ़ा दी है।‌ विभाग की ओर से श्रमिकों को सामग्री वितरण किया जा रहा है, लेकिन उसके लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनाई गई है। रोजाना सैकड़ों श्रमिकों को विभाग की ओर से कार्यालय में बुलाया जाता है, फिर शाम को बिना सामग्री बांटे ही बैरंग वापस लौटा दिया जाता है। आक्रोशित श्रमिकों ने श्रम अधिकारी के खिलाफ आक्रोश जताते हुए आंदोलन करने की चेेतावनी दी है।


श्रम विभाग से इन दिनों जिले के पंजीकृत श्रमिकों को कंबल, छतरी आदि सामग्री का वितरण किया जा रहा है। जिसके लिए विभाग ने पंजीकृत श्रमिकों को कार्यालय में आकर सामग्री ले जाने के लिए मैसेज भेजे। रोजाना श्रमिक कार्यालय पहुंच रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों को ही सामग्री का वितरण किया जा रहा है, काफी लोग खाली हाथ लौट रहे हैं। आज 500 से अधिक लोग श्रम कार्यालय में पहुंचे। सुबह आठ बजे से कार्यालय के बाहर लाइन लगनी शुरु हो गई थी। 10 बजने तक लाइन कार्यालय के बाहर सड़क तक लंबी हो गई।

विभागीय कर्मचारियों के आने तक सैकड़ों लोग जमा हो गए थे। लाइन में लगे अ‌धिकांश मजदूर तीन दिन से लगातार आ रहे थे। बाकी नए श्रमिक भी पहुंचे। कार्यालय के आगेे भी सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा थी। करीब 12 बजे तक कुछ श्रमिकों को सामग्री का वितरण भी किया गया, लेकिन अधिकांश लोगों को सामग्री नहीं मिली। जिससे आक्रोशित श्रमिकों ने विभाग पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।

एक तरफ हलद्वानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां अपनी व प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिना रहे थे वहीं बागेश्वर की गरीब महिलाएं मात्र कंबल लेने के लिए सरकारी मशीनरी से जद्दोजहद कर रही थीं।

वहीं सच्चाई यह है कि गरीबों को एकमात्र कंबल के लिए जाम लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है। विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली ही है कि जिन श्रमिको को उनके ब्लाक व न्याय पंचायत स्तर पर सामना देना चाहिए था। उनको एक साथ जिले मे बुलाना विभाग की सुस्त कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े करता है। आखिर श्रम विभाग ने बिना प्लान किए इस तरह का आयोजन किया ही क्यों??

आखिर क्यों महिलाओ को इतनी दूर से जिला मुख्यालय बुलाया गया। क्या ऐसे लापरवाह अधिकारीयो पर कोई कार्यवाही होगी।

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