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कैबिनेट के फैसले के बाद भी नर्सिग भर्ती का अभी भी हो रहा है इंतजार।

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प्रदेश में नर्सिंग भर्ती के लिए 2021 में 2621 पदों पर विज्ञापन जारी हुआ था जिसमें अनिवार्य रूप से 2 वर्ष का अनुभव और 30 बेड का कार्य का अनुभव मांगा गया था किंतु कुछ समय बाय में परिवर्तन कर अनुभव और 30 बैठकर अनिवार्यता हटा दी गई थी वही उस दिन से भर्ती विवादों में आ गई भारतीय एजेंसी चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से हटाकर प्राविधिक शिक्षा परिषद को दे दी गई जिस कारण भर्ती प्रक्रिया पर अनगिनत सवाल खड़े हो गए हैं भर्ती प्रक्रिया तीन बार निरस्त हो चुकी है वही पिछली धामी सरकार द्वारा भर्ती को वर्ष बार मेरिट के आधार पर करने का निर्णय 24 दिसंबर 2021 को ले लिया गया था मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के निर्णय की सराहना पूरे प्रदेश के सभी संघों ने की थी सभी ने यही मांगती नर्सेज भर्ती फार्म सिस्टम की भांति होनी चाहिए थी सरकार ने भर्ती फार्म भरने का निर्णय ले लिया था किंतु प्रदेश का दुर्भाग्य है कि अभी तक इसमें जो भी जारी नहीं हो पाया है उसी दिन की सेवा में भी संशोधन किया गया था उनकी प्रतिक्रिया गतिमान हो चुकी है अभी कोई नहीं हो पाया है 2011 के बाद से सामान्य नर्स की भर्ती आज तक नहीं हो पाई है पूरे हो चुके हैं किंतु सरकार के सोए हुए हैं और कोविड-19 सरकार ने उस के माध्यम से पूरा किया और 31 मार्च को आउटसोर्स कर्मियों की सेवा भी समाप्त कर दी गई है इस प्रकार सभी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई है अकेले दून मेडिकल कॉलेज में 711 नर्सिंग अधिकारी के पद स्वीकृत हैं जहां केवल ट्रांसलेट नशे नर्सेज कार्य कर रही है इसी प्रकार श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 300 से नर्सिंग अधिकारी के पद स्वीकृत हैं किंतु केवल 22 नियमित नर्सेज कार्य कर रही है इतनी भारी कमी होने के बावजूद आज तक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई है पिछले 2 वर्षों में कोविड-19 के कारण चार धाम यात्रा भी नहीं हो पाई। हालांकि 2021 में चार धाम यात्रा कुछ समय के लिए खोली जरूर गयी थी और भारी संख्या में लोग वहां पहुचे भी थे। अब की बार यात्रा सारे रिकॉर्ड तोड़ सकती है इन सब के मद्देनजर डॉक्टर और नर्स की ड्यूटी पूरे चार धाम यात्रा रूट पर लगाई जाती है कि भारी कमी होने के कारण यात्रियों और मरीजों के हित में कोई फैसला नहीं ले पा रही है ।

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