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कलश यात्रा के साथ दुर्गा पूजा महोत्सव का हुआ शुभारंभ

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शारदीय नवरात्र के पहले दिन शैलपूत्री को पूजा-अर्चना को देव मंदिरों में श्रद्धा का तांता लगा। चंडिका, कोट भ्रामरी, कालिका मंदिर कांडा समेत जिले के सभी हिस्सों में स्थित देवी मंदिरों में सुबह से ही पूजा अर्चना शुरू हो गई है। श्रद्धालुओं ने श्रद्धा पूर्वक सरयू-गोमती संगम पर स्नान किया। गंगाजल लेकन अपने घर लौटे और देवी हरेला बोया।

नगर स्थित चंडिका, उल्का, कठायतबाड़ा भगवती मंदिर में सुबह से ही लोग दर्शन को पहुंचे। बागनाथ मंदिर में भक्तों ने जल अर्पित किया। कांडा के कालिका मंदिर, भद्रकाली मंदिर, कपकोट के बदियाकोट और गरुड़ के कोट भ्रामरी मंदिर में भी लोगों ने पूजा की। पंडित कैलाश चंद्र ने बताया कि नवरात्रों में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शारदीय नवरात्रि अश्विन के चंद्र महीने में मनाई जाती है। शरद ऋतु के दौरान मनाई जाने वाली शारदीय नवरात्रि सबसे प्रतीक्षित नवरात्रि में से एक है। अगले नौ दिनों में, भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। घरों में हरेला भी बोया गया और वह विजय दशमी के दिन काटा जाएगा।

शारदीय नवरात्र की शुरुआत आज से हो गई है। नवरात्रि का आज पहला दिन है। नवरात्रों में नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, शारदीय नवरात्रि अश्विन के चंद्र महीने में मनाई जाती है। शरद ऋतु के दौरान मनाई जाने वाली शारदीय नवरात्रि सबसे प्रतीक्षित नवरात्रि में से एक है। यह त्योहार पूरे देश में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। अगले नौ दिनों में, भक्त देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं। नगर में देवी पूजा और दुर्गा पूजा समिति के दुर्गा महोत्सव महोत्सव का शुभारंभ किया। महिलाओं ने दुर्गा पूजा समिति के भवन से उल्का मंदिर होते हुए सरयू तट तक कलश यात्रा निकाली। सरयू स्नान के बाद कलशों में गंगा जल भरकर दुर्गा भवन में मां दुर्गा की मूर्ति को जल अर्पित किया। पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने दुर्गा पूजा व जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार ने देवी पूजा महोत्सव का शुभारंभ किया। पंडित ने मुख्य यजमान जीवन तिवारी के हाथों पूजा करवाई। मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा के बाद लोगों ने पूजा की। कमेटी के अध्यक्ष प्रशांत सिंह मलड़ा और संयोजक राजेंद्र उपाध्याय ने बताया कि कोरोना के चलते दो साल बाद महोत्सव को भव्य रूप से मनाया जा रहा है। नवरात्र पर ग्रामीण क्षेत्रों से आए भक्ताओं ने ढोल-नगाड़ों की थाप भव्य शोभा यात्रा निकाली। देव डागरों ने सरयू-गोमती और विलुप्त सरस्वती के संगम पर स्नान किया। गंगाजल लेने के लिए लोग सुबह से ही पहुंचने लगे थे। गंगा में स्नान के बाद लोग मंदिरों और घरों के लिए गंगाजल ले गए। इस दौरान प्रशात मालडा,कमल नेगी,महेश पांडे, प्रेमा पांडे, राजेंद्र उपाध्याय, सूरज जोशी, पुष्कर साह, प्रमोद मेहता, मनोज जोशी, रमेश गढ़िया दीपक जोशी, पंकज मेहता, जगदीश मलड़ा, जानकी मलड़ा, बृज किशोर वर्मा, नवीन लोहनी, उमेश लाल साह, कमला भैसोड़ा, गीता उपाध्याय, चंद्रा उपाध्याय, जीवंती कांडपाल, गीता रावल, इंद्रा जोशी, गीतांजलि, हरीश सोनी, नवीन लाल साह, मुकेश साह, अनुज साह,नवीन रावल, जीवन जोशी, नमिश रावत, रचित साह आदि मौजूद रहे।

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