बागेश्वर: पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने कांग्रेस पार्टी कार्यालय में मीडिया से बातचीत में चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि आयोग पर साफ तौर पर सरकार का दबाव नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि पंचायत राज अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी व्यक्ति का नाम दो जगह दर्ज होने पर वह न तो मतदान कर सकता है और न ही चुनाव लड़ सकता है। इसके बावजूद आयोग ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने की अनुमति दे रहा है।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने भी दो जगह नाम दर्ज होने वाले प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने के सरकार के सर्कूलर रोक लगा रखी है। बावजूद इसके, चुनाव आयोग की ओर से अभी तक कोई ठोस निर्देश जारी नहीं किया गया है, जो लोकतंत्र के विरुद्ध है। टम्टा ने कहा कि छह जुलाई को जारी पत्र पूरी तरह गैरकानूनी है। टम्टा ने कहा कि बागेश्वर में सात ऐसे प्रत्याशी हैं जिनका नाम नगर निकाय और पंचायत, दोनों की मतदाता सूची में दर्ज है। इन प्रत्याशियों में नीमा गड़िया, बीना देवी, हंसा दयारकोटी, हेमलता, दीपा देवी, शोभा देवी और महेश चंद्र ने नगर निकाय चुनाव में मतदान भी किया है, इसके बावजूद अब पंचायत चुनाव भी लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार शुरू से ही पंचायत चुनाव टालने की कोशिश में लगी हुई है और चुनाव आयोग भी उसी दिशा में काम कर रहा है। यदि आयोग ने दोहरी मतदाता सूची में नाम होने वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी, तो कांग्रेस लोकतांत्रिक तरीकों से इसका विरोध करेगी। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष भगवत सिंह डसीला, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश सिंह ऐठानी,पूर्व दर्जा राज्यमंत्री राजेंद्र टंगड़िया, वरिष्ठ कांग्रेसी प्रताप सिंह बघरी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेश खेतवाल, दिनेश कुमार और कुंदन गिरी आदि मौजूद रहे।
