टिहरी के अटाली गांव में हुए भू धंसाव का असर ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के व्यासी स्थित सुरंग की दीवार पर भी पड़ने लगा है। दीवार में दरार ने रेल विकास निगम के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। रेल विकास निगम ने बताया कि यह दरार दिसंबर महीने में आई थी। जो फिलहाल स्थिर रूप में है। इसलिए खतरे की कोई बात नहीं है।
बता दें कि जमीन धंसने की वजह से जोशीमठ पर खतरा मंडरा रहा है तो ऐसे ही हालात अन्य जगहों पर देखने को मिल रहे हैं। टिहरी जिले के नरेंद्र नगर विधानसभा के अटाली गांव और सिंघटाली में भी लोगों के घरों में दरार दिखाई दे रही है। यहां ग्रामीणों के खेत धंस रहे हैं। इसका असर ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर भी पड़ता नजर आ रहा है।
बता दे की ऋषिकेश बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर व्यासी स्थित कर्णप्रयाग रेल परियोजना की सुरंग के मुहाने पर रेल विकास निगम की ओर से बनाई गई रिटेनिंग दीवार पर दरार आई है। यह दरार फिलहाल 30 सेंटीमीटर की चौड़ाई में है जिस पर रेल विकास निगम लगातार अपनी नजर बनाए हुए हैं। रेल विकास निगम के उप महाप्रबंधक भूपेंद्र सिंह ने बताया कि यह दरार 20 दिसंबर के आसपास देखी गई थी। जो फिलहाल स्थिर रूप में है।
वहीं, 20 दिसंबर को दरार की चौड़ाई 30 सेंटीमीटर मापी गई थी। जो अभी तक बरकरार है। उप महाप्रबंधक का दावा है कि सुरंग के भीतर जल स्रोत काफी समय पहले फूटा था। जिसे डायवर्ट कर दिया गया है। दरार कैसे आई इस संबंध में जांच की जा रही है। उच्चाधिकारियों को भी मामले में अवगत कराया गया है। फिलहाल खतरे की कोई बात नहीं है। निर्माण कार्य लगातार जारी है।