प्रदेश में शिक्षकों के स्थानांतरण हमेशा ही चर्चा का विषय रहता है। इसमें कई शिक्षक अपनी परेशानियों और बीमारी को लेकर भी महानिदेशालय से लेकर शासन तक के भी चक्कर लगाते हैं। ज्यादातर इससे शैक्षणिक कार्य बाधित होते हैं। जिससे छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ता है। कई शिक्षक गंभीर बीमारियों को लेकर विभाग में आवेदन करते हुए सुगम क्षेत्र में भेजे जाने का भी अनुरोध करते हैं। इन्हीं स्थितियों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को चिन्हित किया है जो शैक्षणिक कार्य को कर पाने में अक्षम हैं। शिक्षा विभाग की तरफ से अब तक करीब 150 शिक्षकों को चिन्हित भी किया जा चुका है। और भी शिक्षको को चिन्हित किया जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन शिक्षकों को नोटिस देने की भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
प्रदेश सरकार पहले भी काम करने में अक्षम कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की बात कहती रही है। इसके लिए बाकायदा शासन स्तर पर निदेशालयों को पत्र भी लिखे गए हैं। शिक्षा विभाग में ऐसे शिक्षकों को नोटिस के जरिए जवाब मांगने की कार्रवाई शुरू हुई है। उधर संतोषजनक जवाब नहीं मिलने और शिक्षक के शैक्षणिक कार्य में रुचि नहीं होने की स्थिति पाए जाने पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई को भी आगे बढ़ाया जाएगा। वही करीब चार दर्शन शिक्षकों ने खुद को गंभीर रूप से बीमार बताते हुए स्थानांतरण की मांग की है। लेकिन अब शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों को भी चिन्हित कर रहा है जो शैक्षणिक कार्य ही नहीं कर सकते हैं।