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सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया जोशीमठ प्रभावित क्षेत्र का दौरा।

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जोशीमठ भू-धंसाव के मामले में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। इसके साथ ही जोशीमठ-मलारी चीन सीमा सड़क पर भी दरारें पड़ गईं हैं।

जोशीमठ में जमीन के धंसने और कई घरों में दरारें पड़ने की घटना के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया। इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि पानी के रिसाव से काफी घरों में दरारें आई हैं, हमारा प्रयास यही है कि सभी को सुरक्षित किया जाए, लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है। साथ ही भू-धंसाव के कारणों का पता लगाया जा रहा है। हालात काबू में करने के लिए जरूरी प्रयास उठाए जा रहे हैं।

सीएम धामी ने आगे कहा कि हमारा प्रयास सभी को सुरक्षित बनाना है, आवश्यक व्यवस्था के लिए तैयारी की गई है. हमारा पहला काम लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाना है. काम कर रहे भूवैज्ञानिक, इसरो के साथ गुवाहाटी और IIT रुड़की की टीम भी काम कर रही है. हर कोई कारणों की तलाश कर रहा है। हम इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या लोगों को यहां से पलायन करने और पुनर्वासित करने की जरूरत है। हम इसके लिए जगह भी तलाश रहे हैं। फिलहाल यह सर्दी का मौसम है। इसलिए, हम उन मुद्दों पर गौर कर रहे हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे तो प्रभावित उनके सामने फूट-फूटकर रो पड़े. इस दौरान कई लोगों ने सीएम धामी को घेर लिया. लोग रो-रोकर सीएम के सामने अपना घर बचाने के लिए गुहार लगा रहे थे. सीएम ने प्रभावितों को आश्वासन दिया कि सरकार हर मुश्किल में उनके साथ खड़ी है. वहीं प्रभावितों ने सीएम को अपना दुखड़ा सुनाया.

आईटीबीपी अतिथि गृह में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं स्थानीय गणमान्य नागरिकों के साथ जोशीमठ की मौजूदा स्थिति को लेकर सीएम धामी ने बैठक की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से जोशीमठ शहर को बचाना हम सबके सामने बडी चुनौती है. संकट की इस घड़ी में आरोप-प्रत्यारोप से हटकर एक साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जोशीमठ में सेक्टर और जोनल वार योजना तैयार करें. डेंजर जोन को तत्काल खाली करवाया जाए. स्थाई पुनर्वास के लिए सुरक्षित जगह तलाशी जाए. सहायता शिविरों में सभी जरूरी सुविधाएं हों. सभी विभाग टीम भावना से काम करें, तभी हम लोगों की बेहतर ढंग से मदद करने में सफल होंगे.

जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने जोशीमठ में संचालित राहत कार्यो के बारे में अवगत कराते हुए बताया कि सभी वॉर्डों में सर्वेक्षण कार्यो को पूरा करने, प्रभावित परिवारों को वैकल्पिक शेल्टर भवनों में शिफ्ट करने और प्रभावित लोगों के लिए अन्य समस्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है. इसके सभी सेक्टर अधिकारियों की तैनाती भी गई है. प्रभावित परिवारों को ड्राई राशन किट एवं फूड पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिन परिवारों को तत्कालिक रूप से शिफ्ट करने की आवश्यकता है उनको सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है.इसके साथ ही जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क जो भारत-चीन सीमा को जोड़ती है, जोशीमठ में भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर दरारें आ गई हैं. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क मलारी टैक्सी स्टैंड के पास दरारें पड़ गईं हैं.

इसके साथ ही जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क जो भारत-चीन सीमा को जोड़ती है, जोशीमठ में भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर दरारें आ गई हैं. रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जोशीमठ-मलारी सीमा सड़क मलारी टैक्सी स्टैंड के पास दरारें पड़ गईं हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण विस्थापित परिवारों को मकान किराये के लिए 4 हजार रुपए प्रति माह की दर से 6 माह तक दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से राशि स्वीकृत की गई है.

केंद्र सरकार ने जोशीमठ में जमीन धंसने की घटना को लेकर कमेटी गठित की है. ये समिति घटना और इसके प्रभाव की तेजी से स्टडी करेगी. जल शक्ति मंत्रालय की ओर से जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया कि कमेटी में पर्यावरण और वन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और स्वच्छ गंगा मिशन के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे.

इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में इस मसले को लेकर बैठक हुई. इस बैठक में राज्य के डीजीपी, अपर मुख्य सचिव, अपर सचिव और आपदा अधिकारी भी शामिल हुए. पुष्कर धामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जान बचाना पहली प्राथमिकता है. उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में कई मकानों में दरारें आने के बाद कई परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. अब तक जोशीमठ शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में 561 घरों में दरारें आई हैं.

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