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मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच का किया ऐलान

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विधानसभा भर्ती अनियमितता मामले में मुख्यमंत्री धामी ने जांच करने की बात कही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष से बात कर मामले की जांच करने का अनुरोध किया है। विधानसभा भर्ती अनियमितता मामले में मुख्यमंत्री आवास से लेकर मंत्रियों और संघ से जुड़े लोगों के करीबियों को विधानसभा में नियुक्ति दी गई थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अब विधानसभा में हुई नियुक्तियों की जांच करवाने की बात कह दी है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है इस लिहाजा वे विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले में बात करेंगे। सरकार इसको लेकर होने वाली जांच में पूरा सहयोग करेगी। वही विधानसभा में न केवल भाजपा सरकार के दौरान हुई भर्तियों बल्कि पुरानी भर्तियों की भी सरकार जांच करेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा वह विधानसभा अध्यक्ष से बात करके किसी भी सरकार में हुई नियुक्ति के दौरान गड़बड़ियों की जांच कराने का अनुरोध करेंगे। इस दौरान राहुल गांधी द्वारा अपने सोशल अकाउंट पर उत्तराखंड में नियुक्तियों के दौरान हो रही गड़बड़ियों का मामला उठाने के सवाल पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वह इस मामले में राजनीति नहीं करना चाहते हैं।

विधानसभा में बैक डोर से भर्ती के लिए जमकर भाई भतीजावाद किया गया है। विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टॉफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत से लेकर पीआरओ नंदन बिष्ट तक की पत्नियां विधानसभा में नौकरी पर लगवाई गई हैं। यही नहीं मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नी और रिश्तेदार को भी नौकरी दी गई है। मदन कौशिक के दोनो पीआरओ की पत्नियों विधानसभा में नौकरी पाई है।

बिना किसी परीक्षा के पिक एंड चूज के आधार पर सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत की भी विधानसभा में नौकरी पर लग गए। इसके अलावा रेखा आर्य के पीआरओ और भाजपा संगठन महामंत्री के करीबी गौरव गर्ग को भी विधानसभा में नौकरी मिली है। मामला इतना ही नहीं है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े पदाधिकारियों के करीबी और रिश्तेदार भी विधानसभा में एडजस्ट किया गया है। उत्तराखंड आरआरएस के कई नेताओं के सगे संबंधियों को भी नियुक्ति मिली।

अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला। इस तरह विधानसभा में जबरदस्त तरीके से भाई भतीजावाद करने पर भाजपा सरकार में ही मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मामले की जांच करवाने की मांग की है।

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