कपकोट, बागेश्वर।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान को लेकर कपकोट क्षेत्र में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। आज शुक्रवार को कपकोट विकासखंड मुख्यालय स्थित नवनिर्मित अमर जवान शहीद स्मारक स्थल पर पहुंचकर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गोविन्द बिष्ट, समाजसेवी गोविन्द ऐठानी और दीपक गढ़िया ने पुराने शिलापट्ट से जुड़ी अनदेखी पर कड़ी नाराजगी जताई।
बता दे कि 1980 में भारत सरकार द्वारा प्रत्येक विकासखंड में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान में शिलापट्ट स्थापित किए गए थे, जिनमें उनके नाम अंकित किए गए थे। कपकोट में भी ऐसा एक शिलापट्ट बना था, लेकिन हाल ही में तैयार किए गए नए शहीद स्मारक स्थल पर इन सेनानियों के नामों को शामिल नहीं किया गया है। यही नहीं, पुराने शिलापट्ट को हटा कर एक कोने में रख दिया गया है जिससे स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिजनों की भावनाएं आहत हुई हैं। हरीश ऐठानी ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार झूठ, लूट और फूट की राजनीति पर काम कर रही है। अब ये सरकार पूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों में भी फूट डालने का काम कर रही है। यह शर्मनाक है कि जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया, उनके नामों को शहीद स्थल पर जगह नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए था कि पुराने शिलापट्ट को मुख्य स्थान पर सम्मानपूर्वक स्थापित करती, ताकि नई पीढ़ी उन नामों को पढ़कर गर्व कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि यह न केवल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का, बल्कि पूरे इतिहास और आत्मसम्मान का अपमान है। स्थानीय लोगों ने भी इस उपेक्षा पर असंतोष जताया है और मांग की है कि शहीद स्थल पर पुराने शिलापट्ट को प्रमुखता से दोबारा स्थापित किया जाए और उसमें लिखे गए सभी नामों को नवनिर्मित स्थल में उचित स्थान दिया जाए। हरीश ऐठानी और उनकी टीम ने प्रशासन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की है, ताकि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान अक्षुण्ण बना रहे और इतिहास से छेड़छाड़ जैसी घटनाएं दोबारा न हो। अगर यह उपेक्षा जारी रही तो आंदोलन की चेतावनी भी दी गई है। अब देखना यह है कि प्रशासन और शासन इस मांग को कितना गंभीरता से लेता है।
