बागेश्वर : कांडा मार्ग स्थित भागीरथी नाला इन दिनों डंपिंग जोन बना हुआ है। सड़क खुदाई हो या निर्माण कार्य सभी का मलबा रात के समय नाले में डाला जा रहा है। इस नाले का मुहाना सरयू नदी में खुलता है। इससे नदी के प्रदूषित होने का खतरा बढ़ गया है। वही नाले
में मिट्टी डालने से वहा पानी की निकासी न के बराबर हो रही है। क्षेत्र के लोगों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। मालूम हो कि पूर्व जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने भागीरथी नाले की सफाई के लिए पवित्र भागीरथी अभियान के सहयोग से भगीरथ प्रयास किया था। वह खुद भी सफाई के लिए नाले में कई बार गए। तब लग रहा था कि भागीरथी नाला अपने पूर्व रूप में आ जाएगी, लेकिन उनके जाते ही यह प्रयास धरा का धरा रह गया। उनके जाने के बाद कई जिलाधिकारी आए और गए, लेकिन किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली। इसका फायदा लोग उठा रहे हैं। इन दिनों नाले में खनन का मलबा डाला जा रहा है। क्षेत्र को डंपिंग जोन बना दिया है। बारिश में यही मलबा बहकर सरयू नदी में चला जाएगा। इससे नदी के भी प्रदूषित होने का खतरा बढ़ गया है। इस मार्ग से अधिकतर अधिकारी अपने आवास की ओर जाते हैं। लेकिन उन्हें यह डंपिंग जोन नहीं दिख रहा है। क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। तांकि नाले का रूवरूप बचा रहे। इधर एसडीएम मोनिका ने कहा कि जल्द मामले की जांच की जाएगी। मलबा फेंकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए रात को भी गश्त होगी।
