आजादी का अमृत महोत्सव रिविजिंटिंग गांधी के तहत आज ऐतिहासिक स्थल कौसानी से बागेश्वर की यात्रा शुरू हुवी। इसके माध्यम से बागेश्वर के प्रसिद्ध आंदोलन कुली बेगार के संघर्ष को याद किया गया। आंदोलन से प्रभावित होकर महात्मा गांधी जी का बागेश्वर जिले में आना और लोगों को आंदोलन के लिए प्रेरित करने की जानकारी दी गई।
अनासक्ति आश्रम में पौधरोपण करने के बाद लक्ष्मी आश्रम की संचालिका नीमा बहनजी ने महात्मा गांधीजी के कौसानी प्रवास के बारे में विस्तार से बताया कि यहां ही उन्होंने अनाशक्ति योग लिखा और कौसानी को कश्मीर की तरह सुंदर बताया। रामधुन के बाद कौसानी से यात्रा गरुड़ को निकली। गरुड़ में गांधी चबूतरे के पास पहुंची यात्रा ने स्वतंत्रता आंदोलन और कुली बेगार जैसे आंदोलन में बागेश्वर की भूमिका से लोगों को रूबरू कराया और स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया। देर सायं यात्रा गागरीगोल पहुंची। गौरतलब है कि भारत वर्ष में स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। स्वतंत्रता के लिए किए गए महान बलिदानों और उनके संघर्षों को याद किया जा रहा है। जिनके त्याग और कुर्बानियों की बदौलत हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं। आजादी का अमृत महोत्सव रीविजिटिग गांधी कौसानी से बागेश्वर पदयात्रा के तहत 23 मार्च तक उत्सव मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी और उनके स्वजनों को सम्मानित किया जाएगा। इस मौके पर रवि कुमार जोशी, कार्यक्रम समन्वयक डायट बागेश्वर,प्राचार्य शैलेन्द्र धपोला,वृक्ष पुरुष किशन मलडा,मोहन जोशी व डीएलएड प्रशिक्षु आदि मौजूद रहे।