उत्तराखंड की चार धाम यात्रा 3 मई से प्रारंभ हो गई है यात्रा का प्रारंभ धर्मनगरी हरिद्वार या हरद्वार से होता है हरिद्वार को चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है भगवान शिव के धाम केदारनाथ जाने ओर भगवान विष्णु के धाम, बद्रीनाथ धाम को इसी धर्मनगरी हरिद्वार को जहाँ से गंगा पहाड़ो से उतर कर सबसे पहले मैदानी क्षेत्रों में आती है, को हिंदुओ से सबसे महत्वपूर्ण यात्रा, चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार कहा जाता है, क्या है इसकी विशेषता इस पर विस्तार से बताया धर्मनगरी हरिद्वार के पंडित मनोज त्रिपाठी ने, आप भी जाने आखिर हरिद्वार या हरद्वार क्यो कहलाता है चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार
अक्षय तृतीया 3 मई को गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने से चार धाम यात्रा की शुरुआत हो चुकी है उत्तराखंड के चार धाम बद्री केदार गंगोत्री और यमुनोत्री जाने के लिए हरि की नगरी हरिद्वार या शिव की नगरी हरद्वार को उत्तराखंड के चार धामों का प्रवेश द्वार माना जाता है हरिद्वार को चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार माने जाने की धार्मिक विशेषताएं बताते हुए हरिद्वार के पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि हरिद्वार का मूल नाम तो गंगा द्वार है अथार्थ जहाँ गंगा पहाड़ो से उतर कर लोगो के मोक्ष के लिए दर्शन देती है वह स्थान है गंगाद्वार। 7 पुरियो में से सबसे पहली पूरी हरिद्वार ही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव के धाम केदारनाथ जाने के लिए इसी हरद्वार ओर भगवान विष्णु के धाम बद्रीनाथ जाने को भी इसी हरिद्वार से होकर जाना पड़ता है इसलिए भी इसे चारधाम का प्रवेश द्वार माना जाता है, उन्होंने बताया कि चारधाम की यात्रा से पूर्व लोगों को अपने पितरों को मनाने के लिए हरिद्वार स्थित नारायणी शिला पर 16 पिंड दान कर, अपने पितरों को उर्ध्व रूप कर अपने साथ चारधामो के दर्शन कराए जाने की मान्यता है।
वही हरिद्वार चार धाम यात्रा की महत्ता बताते हुए सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य श्रीमती सपना शर्मा ने लोगों से चार धाम यात्रा आने की अपील करते हुए कहा कि लोग अपनी चार धाम यात्रा की शुरुआत मां गंगा के स्नान और हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी महामाया देवी के दर्शन से शुरू करें। जिसके बाद श्रीनगर में स्थित उत्तराखंड की अधिष्ठात्री देवी माँ धारी देवी के दर्शन कर अपनी चारधाम यात्रा को पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि यात्री अपनी चारधाम यात्रा में उत्तराखंड के शुद्ध वातावरण में आए और यहां के वातावरण में रहकर खुद को डिटॉक्स कर तरोताजा हो सकते है।