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ऋषिकेश एम्स मे भर्ती कर दिए राजस्थान के 600 लोग,भर्ती प्रकिया पर उठे सवाल

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ऋषिकेश एम्स एक बार फिर से सवालों के घेरे में घिरा है। नर्सिंग संवर्ग भर्ती प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। भर्ती प्रक्रिया में नियमों को ताक पर रखकर 800 पदों में से राजस्थान के 600 अभ्यर्थियों को नौकरी दे दी गई है। यही नहीं राजस्थान के एक ही परिवार के 6 सदस्यों को भी नौकरी दे दी गयी है. ऋषिकेश एम्स की स्थापना के बाद से लगातार एम्स प्रशासन पर किसी न किसी मामले को लेकर लगातार गंभीर आरोप लगते रहे हैं। कभी भर्ती प्रक्रिया, तो कभी उपकरण खरीद या कभी नौकरी से कर्मचारियों को बाहर निकालने का मामला। बता दें कि ऋषिकेश एम्स में नर्सिंग स्टाफ की कुल लगभग 2000 सीटें हैं, जिसमें से अभी 400 सीटें रिक्त हैं। 2017 से पहले एम्स के सभी नर्सिंग स्टाफ आउटसोर्स पर था और 2017 से 2020 तक स्थाई भर्ती शुरू हुई, जो ऋषिकेश एम्स के द्वारा ही शुरू की गई। वहीं, 2020 के बाद एम्स की संख्या बढ़ने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भर्ती का जिम्मा दिल्ली एम्स को सौंप दिया। जिसके बाद 2020-21 में दिल्ली एम्स के जरिये भर्ती यहां की गई। वहीं, इस भर्ती प्रक्रिया के लिए सार्वजनिक सूचना निकाली जाती है, जहां पर आवेदकों के फॉर्म की स्क्रूटनी करने के बाद परीक्षा तिथि निर्धारित की जाती है। जिसके बाद निर्धारित सीटों के तहत आवेदनकर्ता को परीक्षा के लिए आमंत्रित किया जाता है। एम्स ऋषिकेश के नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट घेवर चंद ने बताया कि एम्स के नर्सिंग स्टाफ भर्ती के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया केंद्र और राज्य सरकार के मानकों पर अनुरूप ही होती है। वर्ष 2018 से लेकर वर्ष 2020 के बीच एम्स ऋषिकेश ने नर्सिंग संवर्ग के लिए 800 पदों की भर्तियां निकाली थी। जिसमें एम्स ऋषिकेश ने 600 अभ्यर्थी राजस्थान के भर्ती कर दिए। जबकि यह भर्तियां पूरे देश से होनी थी। यही नहीं राजस्थान के एक ही परिवार के 6 सदस्यों को भी नौकरी दी गई है। वही जानकारी के अनुसार जिस राज्य के लिए अभ्यर्थी नौकरी करता है, उस राज्य के नर्सिंग काउंसलिंग में पंजीकरण कराना भी अनिवार्य होता है, लेकिन राजस्थान से भर्ती किए गए 600 अभ्यर्थियों में से अधिकांश ने अभी तक उत्तराखंड नर्सिंग काउंसलिंग में पंजीकरण भी नहीं कराया है। मामला उजागर होने के बाद भी एम्स भर्तियों को वैध करार देने की कोशिश में लगा है। एम्स के पीआरओ हरीश थपलियाल ने बताया कि एक ही परिवार के 6 सदस्यों को नौकरी देने का मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि किसी भी अभ्यर्थी ने उत्तराखंड नर्सिंग काउंसलिंग में पंजीकरण नहीं कराया है तो जांच कर संबंधित को नोटिस जारी किए जाएंगे। उन्होंने पदों पर नौकरियों को बिल्कुल नियमानुसार भर्ती होना बताया है।

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