पेयजल निगम के राजकीयकरण और जल संस्थान-पेयजल निगम के एकीकरण की मांग को लेकर कर्मचारियों ने धरना दिया। कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जल्द समस्याओं का निदान करने की मांग की। मांग पूरी नहीं होने पर चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में 28 अक्तूबर से अनिश्तिकालीन हड़ताल करने की चेतावनी दी।
पेयजल निगम कर्मचारी दो सूत्रीय मांगों को लेकर पांच अगस्त से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। पहले चरण में कर्मचारियों ने जनप्रतिनिधियों, दूसरे चरण में एसडीएम-डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री और पेयजल मंत्री को ज्ञापन भेजे। तीसरे चरण में सभी नगर और जिले की इकाइयों की गेट मीटिंग हुई। चौथे चरण में गढ़वाल के कर्मचारियों ने प्रधान कार्यालय देहरादून और पांचवे चरण में कुमाऊं मंडल के कर्मचारियों ने मुख्य अभियंता कार्यालय हल्द्वानी में धरना दिया था।
कर्मचारियों का कहना है कि उत्तराखंड पेयजल निगम और जल संस्थान का एकीकरण होने से सबसे अधिक लाभ राज्य के लोगों को मिलेगा। पेयजल समस्याओं के निदान के लिए एकल उत्तरदायी विभाग होने से योजनाओं की उपादेयता बढ़ेगी और अनावश्यक निर्माण की समस्या भी खत्म हो जाएगी। कर्मचारियों ने मई, जून और जुलाई का वेतन नहीं मिलने पर भी नाराजगी जताई। राजकीयकरण की प्रक्रिया पूरी होने पेयजल निगम कार्मिकों का वेतन और पेंशन सीधे कोषागार से आहरित कराने की मांग की। इस मौके पर जयशंकर सिंह राणा, कैलाश सिंह राणा, भुवन लोहनी, लीलाधर अंडोला, कमला देवी, चंद्रा देवी, भाष्करानंद उपाध्याय, चंदन सिंह, नरेंद्र धामी आदि मौजूद रहे।