logo

डोबरा चांठी पुल के मास्टिक में पड़ी दरारें, 3 अरब की लागत से बनी है पुल ,ग्रामीणों ने कंपनी के खिलाफ खोला मोर्चा

खबर शेयर करें -

टिहरी झील के ऊपर बने देश के सबसे लंबे डोबरा चांठी पुल पर करोड़ो की लागत से बिछाई गई मास्टिक पर 50 से अधिक जगहो पर दरार पड़ने से गुप्ता कंपनी की घटिया कार्य की पोल खुल गयी है। प्रतापनगर की जनता ने रानीपोखरी वाले पुल को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ओर सिचाई मंत्री सतपाल महाराज से घटिया काम करने वाली गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच करवाने की मांग की है साथ प्रतापनगर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले इस पुल की सुरक्षा के लिए थर्ड एजेंसी से जांच करवाने की मांग की है 

प्रतापनगर की जनता ने कह की अगर पुल पर घटिया तरीके से मास्टिक बिछाने वाले गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच करते हुए कार्यवाही नही की जाती है तो जनता को धरने पर बैठना पड़ेगा,क्योंकि समय रहते इस पुल पर ध्यान नही दिया गया तो कही ऐसा न हो जैसे रानीपोखरी जैसे पुल का हादसा हुआ।

यह भी पढ़ें 👉  दिव्यांग बहनों ने 41 साल बाद घर के बाहर रखे कदम, रेडक्रॉस सदस्यों ने घुमाया उत्तरायणी मेला

डोबरा चांठी पुल का निर्माण 2006 में शुरू हुआ था लेकिन वर्ष 2010 में डिजाइन फेल होने के कारण इसे बंद करना पड़ा तब तक इस पुल के निर्माण पर 1.35 अरब की रकम खर्च हो चुकी थी इसके बाद 2016 में लोक निर्माण विभाग खंड ने 1.35 अरब की लागत से दुबारा निर्माण कार्य शुरू शुरू किया,ओर पुल के डिजाइन के लिए अंतरराष्ट्रीय निविदा जारी करके इसका डिजाइन दक्षिण कोरिया की योसीन कंपनी से तैयार करवाया गया था उसके बाद कार्य तेजी से चला और  अचानक 2018 में पुल के 3 सस्पेंडर टूट गए, जिससे निर्माणाधीन पुल का हिस्सा टेढ़ा हो गया, तब तक पुल पर लगभग 3 अरब रुपए खर्च कर दिए गए थे,उनके बाद जैसे तैसे पुल का काम फिर से शरू किया गया और पुल बन के तैयार हो गया 

8 नवंबर 2020 को इसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया ओर अभी एक साल भी पूरा नही हुआ और पुल के उपर बिछाई गई मास्टिक पर 4 बार दरार पड़ गई और हर बार गुप्ता कंपनी मास्टिक पर पड़ी दरार पर केमिकल भर के लीपापोती कर देती है और 2 दिन पहले मास्टिक पर पड़ी दरार पर केमिकल भरकर इतिश्री कर दी और आज 1 दिन बाद फिर से मास्टिक पर दरार पड़ गई।

यह भी पढ़ें 👉  दिव्यांग बहनों ने 41 साल बाद घर के बाहर रखे कदम, रेडक्रॉस सदस्यों ने घुमाया उत्तरायणी मेला

घटिया तरीके से पुल के ऊपर मास्टिक बिछाने वाली  गुप्ता कंपनी के खिलाफ अभी तक उत्तराखंड सरकार और ना ही जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई की है।

जबकि इस पुल को बनाने के लिए प्रताप नगर की जनता ने 15 साल का इंतजार किया और आज फिर पुल पर घटिया तरीके से बिछाई गई मास्टिक पर दरार पड़ने से सवाल खड़े हो गए हैं और सब के जहान में है कि क्या यह पुल लंबे समय तक टिक पाएगा प्रताप नगर के लोगों ने अब इस पुल के मामले में थर्ड पार्टी से जांच करवाने की मांग की है।

यह भी पढ़ें 👉  दिव्यांग बहनों ने 41 साल बाद घर के बाहर रखे कदम, रेडक्रॉस सदस्यों ने घुमाया उत्तरायणी मेला

साथ ही गुप्ता कंपनी के द्वारा जो मास्टिक बिछाई गई है। गुप्ता कंपनी के खिलाफ जांच बिठाने की भी मांग की है। डोबरा चांठी पुल की लंबाई 725 मीटर है इसमें सस्पेंशन ब्रिज 440 मीटर लंबा है इसमें 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइट और 25 मीटर स्टील गार्डर चांठी साइड से हैं पुल की चौड़ाई 7 मीटर है जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर है जबकि फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है

डोबरा चांठी पुल का काम देख रही पीडब्ल्यूडी बौराड़ी के अधिशासी अभियंता के एस नेगी का कहना है कि जब से यह पुल का उद्घाटन हुआ है तब से इस पुल के ऊपर बिछाई गई मास्टिक तीन से चार बार दरार पड़ी है इसको ठीक करने के लिए कंपनी को बोला गया है साथ ही इस पुल पर जो मास्टिक बिछाई गई है उस मास्टिक पर कैसी दरार पड़ी है  उसकी जांच करवा कर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Leave a Comment

Share on whatsapp