नई पेंशन लागू दिवस को कर्मचारियों ने काला दिवस के रूप में मनाया। उन्होंने अपने हाथ पर काला फीता बांधकर विरोध जताया। वक्ताओं ने कहा कि नई पेंशन योजना में कर्मचारियों का हित सुरक्षित नहीं है। बाजारी बादी व्यवस्था में कर्मचारियों को नहीं झोकना चाहिए। उन्होंने पुरानी पेंशनी लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया।
पूर्व निर्धारित र्काक्रम के अनुसार कर्मचारी आज अपने-अपने कार्यालय में पहुंचे और हाथ में काला फीता बांधकर विरोध जताया। वक्ताओं ने कहा कि एक अक्टूबर 2005 को सरकार कर्मचारियों के लिए नई पेंशन का काला कानून लेकर आई। इस योजना में कर्मचारियों का हित सुरक्षित नहीं है। ऐसेी व्यवस्था को कतई सहन नहीं किया जाएगा।
पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष अनिल जोशी ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर संगठन लगातार सरकार पर दबाव बना रहा है। गत दिनों सरकार ने प्रदेश संगठन को वार्ता के लिए बुलाया भी, लेकिन अभी सरकार पूरी तरह उनकी बातों को मानने को तैयार नहीं है, लेकिन संगठन भी बगैर अपनी बात मनवाए नहीं मानेगा। कर्मचारियों से एकजुट होकर संघर्ष में सहयोग देने की अपील की। इस दौरान कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारे भी लगाए।