बागेश्वर : जिलाविकास समन्वय एवं निगरानी समिति—दिशा—की बैठक आज बागेश्वर के विकास भवन सभागार में केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में बिजली, पानी और सड़कों से जुड़े मुद्दे प्रमुखता से उठे। मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए। बैठक में बागेश्वर, कपकोट और गरुड़ ब्लॉक के खंड विकास अधिकारियों पर बैठक के नाम पर खानापूर्ति करने पर उन्होंने जिलाधिकारी को तीनों ब्लाक अधिकारियों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
केन्द्रीय मंत्री ने शहरी और ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं की समीक्षा के दौरान मंडलसेरा पंपिंग योजना को शीघ्र पूर्ण करने पर जोर दिया गया। सड़कों में नालियों के किनारे पाइप लाइन बिछाने के मुद्दे पर जनप्रतिनिधियों ने आपत्ति जताई। इस पर केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पाइपलाइन को सड़क में लोनिवि की एनओसी लेकर नियमानुसार दो फीट गहराई में दबाया जाए, और खुली लाइनों को सीमेंट के नीचे सुरक्षित किया जाए, ताकि राहगीरों को किसी तरह की परेशानी न हो। बैठक में गांव-गांव में झूलते बिजली के तारों को दुरुस्त करने के भी निर्देश दिए गए। केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा द्वारा पूर्व में बागेश्वर, कपकोट और गरुड़ ब्लॉक के खंड विकास अधिकारियों को विकास कार्यों को पूर्ण करने के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए थे। जिस पर आज की बैठक में तीनों ब्लाकों के अधिकारियों के द्वारा केवल कागजी बैठक की कार्यवाही की सूचना देने पर राज्य मंत्री ने नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी को तीनों ब्लाक अधिकारियों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि, विकास कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकार जनता के द्वार जा रही है। विकास की गति को डबल से ट्रिपल कर दिया गया है। स्वरोजगार के क्षेत्र में महिलाएं भी बराबरी से भागीदारी निभा रही हैं। हमारा लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में हर घर से एक उद्यमी तैयार हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन होना चाहिए। ग्राम पंचायतों को अपने क्षेत्र की समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री भारत सरकार अजय टम्टा की अध्यक्षता में शुक्रवार को विकास भवन सभागार में जिला विकास समन्वय निगरानी समिति (दिशा) की बैठक संपन्न हुई। उन्होंने अधिकारियों को नीतिगत नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने और जनसेवा में किसी भी प्रकार की बाधा न आने देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का उद्देश्य आमजन तक प्रभावी रूप से सेवाएं पहुँचाना है, इसलिए हर स्तर पर पारदर्शिता और गुणवत्ता बनी रहनी चाहिए।
राज्यमंत्री टम्टा ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि भारत सरकार ने अवसंरचना विकास में गुणवत्ता के सर्वोच्च मानक तय किए हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सड़क निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता न हो, सड़कें टिकाऊ, सुरक्षित और उच्च मानकों के अनुरूप हों।
जल जीवन मिशन को राज्यमंत्री ने भारत सरकार की एक प्रमुख योजना बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य हर ग्रामीण परिवार को नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि इस योजना में किसी प्रकार की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी और हर घर तक जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि योजना से संबंधित कोई शिकायत आती है, तो उसकी जांच की जाय तथा संबंधित के खिलाफ नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई हो।
उन्होंने बैठक के दौरान अधिकारियों से कहा कि जनता को बेहतर सेवाएं देने के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ-साथ नवाचार और तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए। विशेष रूप से सड़क अवसंरचना में नवीन तकनीकों और डिजाइनों को अपनाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इससे न केवल गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि निर्माण की गति और टिकाऊपन भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने परियोजनाओं में आ रही लंबित और स्थायी समस्याओं की भी जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसी बाधाओं की स्पष्ट पहचान कर त्वरित समाधान की रणनीति बनाएं, ताकि जनता को योजनाओं का पूर्ण लाभ मिल सके।
समीक्षा बैठक के दौरान राज्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए शिक्षा की गुणवत्ता व मिड डे मील योजना के क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि विद्यालयों में बच्चों को पौष्टिक, गुणवत्तायुक्त और संतुलित भोजन नियमित रूप से प्राप्त हो। स्वास्थ विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सहित अन्य योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली और कहा कि आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की एक क्रांतिकारी पहल है, जिसका लाभ हर जरूरतमंद मरीज तक पहुँचाना अधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने निर्देश दिए कि यदि किसी मरीज को राज्य के बाहर किसी उच्च संस्थान में रेफर किया जाता है, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि उसे आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में बेहतर सेवाएं बिना किसी परेशानी के मिलें। उन्होंने अस्पतालों में योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, जनजागरूकता और हेल्प डेस्क की सक्रियता की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिले की भौगोलिक एवं सामाजिक परिस्थितियों के अनुरूप बार-बार उभरने वाली चिकित्सकीय समस्याओं की पहचान कर उनके अनुसार संसाधनों, चिकित्सकों और उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
इसके अतिरिक्त राज्यमंत्री ने शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज कल्याण, कृषि, विद्युत, वन, खाद्य एवं आपूर्ति, आजीविका, लघु सिंचाई, उद्योग एवं सेवा व प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, दीनदयाल अंत्योदय – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, मनरेगा, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, तथा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम सहित केंद्र सरकार की विभिन्न फ्लैगशिप योजनाओं की भी प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पूरी पारदर्शिता के साथ पहुँचना चाहिए। उन्होंने राशन वितरण प्रणाली की समीक्षा करते हुए कहा कि इसमें किसी प्रकार की अनियमितता न हो और समय से लाभार्थियों को राशन प्राप्त हो। उन्होंने बीएसएनएल नेटवर्क की खराब स्थिति और लगातार आ रही उपभोक्ता शिकायतों पर असंतोष व्यक्त किया। कहा कि वर्तमान समय में संचार सुविधाएं जनजीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक सेवाओं से सीधे जुड़ी हुई हैं, ऐसे में नेटवर्क का कमजोर होना एक गंभीर विषय है। नेटवर्क सुधार के लिए त्वरित एवं प्रभावी कार्य योजना बनाई जाए और दूरस्थ एवं पर्वतीय क्षेत्रों में भी लोगों को सुलभ और सशक्त संचार सुविधा मिले। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सही आंकड़ों और वास्तविक जानकारी के आधार पर ही समस्याओं का प्रभावी समाधान संभव है। विभागीय रिपोर्टिंग में पारदर्शिता और सटीकता बनी रहनी चाहिए ताकि योजनाओं का मूल्यांकन और कार्य योजना यथार्थपरक हो सके।
राज्यमंत्री ने युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति और सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने संबंधित विभागों को नशा उन्मूलन और ट्रैफिक जागरूकता अभियान को और प्रभावी ढंग से चलाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी आशीष भटगाईं ने राज्यमंत्री को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का संबंधित विभागों द्वारा पूरी गंभीरता और जिम्मेदारी के साथ पालन सुनिश्चित कराया जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए जनहित से जुड़े निर्देशों का पालन तय समयसीमा के भीतर सुनिश्चित किया जाए, ताकि योजनाओं का लाभ वास्तविक रूप से ज़मीन पर दिखाई दे और जनता को राहत मिल सके।
बैठक में दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट, विधायक पार्वती दास, सुरेश गढ़िया, पूर्व कैबिनेट मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, प्रशासक जिला पंचायत बसंती देव,नगर पंचायत अध्यक्ष गरुड़ भावना वर्मा, कपकोट गीता ऐठानी, पालिकाध्यक्ष सुरेश खेतवाल,एसपी चंद्रशेखर आर घोड़के, डीएफओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया, सीडीओ आरसी तिवारी, सीएमओ डॉ कुमार आदित्य तिवारी, परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, सीईओ जीएस सोन, डीडीओ संगीता आर्या, डीएसटीओ दिनेश रावत, प्रशासक विकासखंड गरुड़ हेमा बिष्ट, सहित जनपद स्तरीय अधिकारी व समिति के सदस्य उपस्थित रहे।






