विज्ञान सप्ताह की अन्तिम कड़ी में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, बागेश्वर में दिनांक 28 फरवरी को विज्ञान दिवस घूमधाम से बनाया गया। इस वर्ष विज्ञान विषय की थीम वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान है।
क्रार्यक्रम का शुभारम्भ प्रसिद्ध वैज्ञानिक डाॅ. एस.पी. सती तथा विज्ञान प्रसारक श्री आशुतोष उपाध्याय जी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ गीत”ज्ञान विज्ञान जिन्दाबाद” गाकर किया गया। डायट प्राचार्य डाॅ. शैलेन्द्र सिंह धपोला ने समस्त अतिथियों का स्वागत किया।
मुख्य वक्ता डाॅ. सती ने अपने सम्बोधन में कहा कि कोई भी व्यक्ति जो किसी भी तथ्य को तर्क की कसौटी पर कसता है, वही सच्चा वैज्ञानिक है। वर्तमान समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की आवश्यकता समय की मॉग है। अवैज्ञानिक बात् के बिषय में कोई तर्क नहीं दिया जा सकता। प्रकृति के रहस्यों से निरन्तर संवाद ही सच्चा विज्ञान है। तकनीकी विकास के साथ उसी अनुपात में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित न होना चिन्तनीय है।
डायट प्राचार्य डाॅ. धपोला ने कहा कि डायट विज्ञान को अनुभव आधारित बनाने के लिए लगातार कार्य कर रहा है तथा विज्ञान की यह यात्रा निरन्तर जारी रहेगी। डी०एल० एड० प्रशिक्षु विजय काण्डपाल ने विज्ञान की सतत् यात्रा पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया। जिसमें विभिन्न ख्याति प्राप्त वैज्ञानिकों के समाज को दिये गये योगदान को प्रदर्शित किया।
डी० एल० एड० प्रशिक्षुओं द्वारा बहुत ही बेहतरीन तरीके से नाटक “नीला समन्दर” तथा यूरेका-यूरेका का मंचीय प्रस्तुतीकरण किया गया। डायट प्रवक्ता डाॅ. प्रेम सिंह मावड़ी, डाॅ. के.एस.रावत, संदीप कुमार जोशी व रवि कुमार जोशी, डाॅ. सी.एम. जोशी ने कार्यक्रम सम्पादन में सहयोग किया।
इस अवसर पर डॉ. भुवन पाण्डे, विनीता असवाल, ममता पाण्डे, श्वेता जोशी, संगम साह,डाॅ. प्रीतम नेगी, पुष्कर सिंह, गणेश पाठक, पंकज साह, ललित जोशी समेत 40 शिक्षक तथा 75 डी.एल.एड. प्रशिक्षुओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।