कहते हैं कि एक सैनिक कभी रिटायर नहीं होता। यह बात भारतीय सेना से आंनररि कैप्टन की उपाधि के साथ सेवानिवृत्त नारायण सिंह उन्योंणी पर सटीक बैठती है, जो रिटायरमेंट आने के बाद से ही स्थानीय युवाओं को सेना में भर्ती होने का निशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं।
बागेश्वर जनपद मुख्यालय के पास के गांव रूनीखेत निवासी कैप्टन नारायण सिंह, 12 कुमाऊं में 28 साल की सेवा के बाद साल 2017 में सेवानिवृत्त हुए। रिटायरमेंट के बाद घर लौटने पर उन्होंने देखा कि गांव के युवाओं में सेना में जाने की ललक तो है लेकिन उन्हें बेहतर गाइडेंस उपलब्ध नहीं है। तो उन्होंने खुद ही उन्हें भर्ती का प्रशिक्षण देने की ठानी। शुरुआत में 3 युवाओं को साथ लेकर गोमती नदी के किनारे खोली गांव के घाटबगड़ तोक में बंजर जमीन पर प्रशिक्षण की शुरुआत की। जिसमें से एक लड़का फौज की भर्ती में निकल गया। फिर धीरे-धीरे प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं की तादाद बढ़ने लगी उनके प्रशिक्षण की ख्याति से दूरदराज क्षेत्र के युवा भी आसपास किराए में कमरा लेकर उनसे प्रशिक्षण ले रहे हैं। साल 2021 तक उनके द्वारा प्रशिक्षित 50 से अधिक लड़के सेना में चयनित हो चुके हैं। अकेले ही इस कार्य में जुटे नारायण सिंह जी को स्थानीय युवा आनंदी एकेडमी में कार्यरत चंदन परिहार भी हर संभव मदद करते हैं। वह मुख्यतः प्रशिक्षण ले रहे युवाओं का लेखा-जोखा रखने और लिखित परीक्षा की तैयारी कराने में सहयोग प्रदान करते हैं। इसके अलावा क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार संसाधन उपलब्ध कराने में मदद करते हैं। उन्होंने अपने निजी खर्च से 1 जिम भी वहां पर स्थापित किया है। इस बीच साल 2021 में उनके द्वारा प्रशिक्षित 42 युवा भर्ती होकर जॉइनिंग का इंतजार कर रहे थे, लेकिन अग्निवीर योजना आने के बाद सरकार द्वारा वह भर्तियां कैंसिल कर दी गई, जिससे उत्पन्न में निराशा के बावजूद नारायण सिंह अपने काम में समर्पण के साथ लगे हुए हैं।
अभी जुलाई माह में हुई प्रथम अग्निवीर भर्ती में उनके द्वारा प्रशिक्षित 28 लड़कों ने सेना की शारीरिक दक्षता परीक्षा पास की है। आज के समय में नारायण सिंह जैसे लोग बहुत कम हैं, जो बिना किसी आर्थिक प्रलोभन के अपने हुनर से आने वाली पीढ़ियों का जीवन संवारने में लगे हुए हैं। ऐसे में समाज की भी जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे प्रयासों में हर संभव सहायता की जाए और उनका हौसला बढ़ाया जाए। नागरिक मंच बागेश्वर नारायण सिंह जी के प्रयासों की सराहना करता है।