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भ्रष्टाचार पर चोट, विकास पर जोर: सीएम धामी की नीतियों को बताया प्रदेश हितैषी – शंकर सिंह कोरंगा

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बागेश्वर। राज्य जलागम परिषद के उपाध्यक्ष शंकर सिंह कोरंगा ने शनिवार को पत्रकार वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की जनकल्याणकारी नीतियों और प्रदेश विकास को लेकर उठाए जा रहे ठोस कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को जमीन पर उतारते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। अब तक करीब 150 भ्रष्टाचारी जेल भेजे जा चुके हैं और किसी प्रकार की सुलह या समायोजन नहीं किया गया।

कोरंगा ने बताया कि प्रदेश में चहुंमुखी विकास हो रहा है। स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वरोजगार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि पलायन पर रोक लगे। हेली सेवा का लाभ अब प्रदेश के दूरस्थ इलाकों तक पहुंचाया जा रहा है, जिससे आवागमन की दिक्कतें कम होंगी और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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उन्होंने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री को देश के 22वें सबसे प्रभावशाली नेता के रूप में स्थान मिला है, जो उनके सतत जनहित कार्यों का प्रमाण है। राज्य आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत आरक्षण देकर सरकार ने उनके संघर्ष को सम्मान दिया है। साथ ही स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया है जिससे महिलाओं और ग्रामीणों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सके।

युवाओं और बुजुर्गों के लिए योजनाएं
कोरंगा ने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच का ही परिणाम है कि राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने 6वां स्थान हासिल किया है, जो राज्य के युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा का प्रतीक है। बुजुर्ग दंपतियों को वृद्धावस्था पेंशन देकर सरकार ने सामाजिक सुरक्षा की दिशा में ठोस कदम उठाया है। वहीं ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा देते हुए स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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पलायन रोकने के लिए कृषि और जल संरक्षण पर जोर

राज्य जलागम परिषद के उपाध्यक्ष ने कहा कि पलायन की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए कृषि को बचाना आवश्यक है। सरकार इस दिशा में योजनाबद्ध कार्य कर रही है। वन्य जीवों से फसलों को बचाने के लिए जंगलों में 10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे जानवरों को जंगलों में ही रोका जा सकेगा और खेती सुरक्षित रहेगी।

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पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रयास
कोरंगा ने बताया कि जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और जल संरक्षण के लिए केदारनाथ, चंपावत, नैनीताल व खटीमा में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। ग्लोबल वार्मिंग से बचाव और जल संकट से निपटने के लिए चीड़ के स्थान पर बाज (ओक) के पेड़ लगाने की योजना है, जिससे जलस्तर में सुधार होगा और वर्षा जल का संरक्षण बेहतर हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी की दूरदर्शी सोच और सशक्त नेतृत्व से प्रदेश एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक नागरिक को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए।

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