भारतीय फुटबॉल टीम की यात्रा जनवरी 21 में शुरू हुई तब एआईएफएफ ने फीफा नेशंस सीरीज-21 के लिए फीफा के साथ भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए। भारत भाग लेने वाले 60 देशों में से एक था और उसे मध्य पूर्व और अफ्रीका क्षेत्र में रखा गया था। भारत अपने क्षेत्र में तीसरे स्थान पर रहा फीफा नेशंस प्लेऑफ-21 में एक स्थान से चूक गया। हालांकि भारत ने सत्र का अंत 22 की वैश्विक रैंकिंग के साथ किया और साल 21 की रैंकिंग में इटली अर्जेंटीना और स्पेन जैसे दिग्गजों से ऊपर पायदान पर रहा। इस साल 22 सीजन के लिए भारत को एशिया/ओशिनिया क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया और उसे प्ले-इन्स में स्थान दिया गया जो प्लेऑफ के लिए सीधी योग्यता प्रदान करेगा। प्ले-इन के वक्त भारत ने 32 मैच खेले, जिसमें 12 जीत, 11 हार और 9 ड्रॉ रहे। पूरे चार मैच वीक के दौरान भारत ने डिवीजन 1 में अपना स्थान बरकरार रखा। इसके साथ भारत ने कंसिस्टेंसी पॉइंट्स चार्ट में दूसरे स्थान पर रहते हुए सफलतापूर्वक प्लेऑफ के लिए क्वॉलीफाई किया। इस अवधि के दौरान भारत ने 19 की अपनी सर्वोच्च वैश्विक रैंकिंग भी हासिल की। प्लेऑफ में जाने से भारत के लिए लक्ष्य आसान था। 2 मैच जीतें और शोपीस इवेंट में अपना स्थान पक्का करें और ठीक यही उन्होंने किया है।
भारत ने फुटबाल में इतिहास रच देश का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है। भारतीय टीम ने फीफा नेशंस कप-22 के लिए क्वॉलीफाई कर दिया है। भारत पहली बार एस्पोर्ट्स शोपीस इवेंट में खेलेगा। यह इवेंट 27 से 30 जुलाई तक डेनमार्क में होने वाला है। भारत ने फीफा नेशंस सीरीज 22 प्लेऑफ में कोरिया और मलेशिया को हराकर शोपीस इवेंट के लिए क्वॉलीफाई किया।