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माणा गांव के पास ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा, 57 मजदूर मलबे में दबे

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चमोली बद्रीनाथ धाम में माणा गांव के पास गलेशियर आने से 57 मजदूर दबे 10 मजदूरों को बचा लिया गया बाकी 47 मजदूरों की ढूंड खोज जारी है ये सभी मजदूर बीआरओ के कांटेक्टर में लगे ठेकेदार के बताए जा रहे हैं.बताया जा रहा है कि चमोली के ऊपरी इलाकों में कई दिनों से भारी बर्फभारी हो रही थी. बद्रीनाथ मंदिर से तीन किलोमीटर दूर हाईवे के पास हिमस्खलन आया है. इसमें 57 मजदूरों के दबे होने की सूचना है, जिसमें से दस को बचा लिया गया है.उत्तराखंड का माणा गांव भारत और चीन के बॉर्डर पर है. यहां सेना का बेस कैंप है. लिहाजा सेना सबसे पहले बचाव कार्य में जुटी है. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भेजा गया है. हिमस्खलन को लेकर बीआरओ की टीमें भी बचाव कार्य में जुट गई हैं.

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10 मजदूरों को बचा लिया गया

बाकी 47 मजदूरों की ढूंड खोज जारी है

ये सभी मजदूर बीआरओ के कांटेक्टर में लगे ठेकेदार के बताए जा रहे हैं ।

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आज दिनाँक 28 फरवरी 2025 को आपदा कंट्रोल रूम, चमोली से सूचना प्राप्त हुई कि श्री बद्रीनाथ धाम के निकट माणा में एवलांच आने से कुछ लोग फंसे हुए है।

इस सूचना के प्राप्त होते ही SDRF कमांडेंट के निर्देशानुसार त्वरित कार्रवाई करते हुए नजदीकी पोस्ट जोशीमठ से SI देवीदत्त बर्थवाल के नेतृत्व में SDRF टीम घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई हैं। साथ ही गौचर एवम सहस्रधारा, देहरादून पोस्ट पर हाई एल्टीट्यूड रेस्क्यू टीम को तैयार कर दिया गया है।

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गढ़वाल आईजी राजीव स्वरूप ने बताया कि, “माणा गांव के पास ग्लेशियर टूटने से बीआरओ के कई मजदूर मलबे में दब गए हैं। सभी को सुरक्षित निकालने और मार्ग खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं।”

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