बिहार के कंचनपुर धनुषी गांव में एक युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा मृतक की पहचान मनीष कुमार के रूप में हुई है।
घटना के संदर्भ में मृतक के परिजनों का कहना है कि मनीष सेना की तैयारी को लेकर प्रतिदिन सुबह अपने गांव से सटे तिरहुत तटबंध पर दौड़ने जाया करता था। मंगलवार को भी वह घर से सुबह निकला और अपने दालान में जाकर फांसी के फंदे से लटक कर जान दे दी। परिजनों का कहना है जब से सरकार की अग्निपथ योजना आयी थी तब से मनीष डिप्रेशन में था और आशंका है कि इसी डिप्रेशन में उसने आत्महत्या कर ली।
वही धनूषी गाव के मुखिया वीरू राय ने बताया कि उसका रोज का रूटीन था कि वह 4:00 बजे सुबह में उठकर बांध पर दौड़ता था। वह आर्मी की तैयारी करता था। अग्निपथ आने के कारण वह काफी डिप्रेशन में था। 4:30 बजे सुबह जा रहा था तो हम लोगों को लगा दिया दौड़ने जा रहा है। लेकिन बगल में उसने आत्महत्या कर ली।
भारत सरकार द्वारा जिस अग्निपथ योजना की शुरुआत की गई है। उसमें बहाली के प्रथम वर्ष में 21 हजार रुपये वेतन के रूप में भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक महीने भुगतान किया जाएगा। दूसरे वर्ष वेतन में वृद्धि कर 23 हजार 100 रुपये प्रत्येक महीने दिया जाएगा और तीसरे महीने 25 हजार 580 एवं चौथे वर्ष में 28 हजार रुपये वेतन के रूप में भुगतान करने के साथ ही उन युवाओं को रिटायर्ड कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अभ्यर्थियों की आयु सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी है। ये स्पष्ट किया गया है कि ये छूट सिर्फ इस साल सेना में भर्ती के लिए किया गया है। बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत सेना में भर्ती के लिए सरकार ने साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल की आयु निर्धारित की थी।
2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटन। ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई। पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी। मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे। नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी। इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा। 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे। उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी।