भारत सरकार की वित्त पोषित ए हेल्फ योजना को लेकर पशुपालन विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस योजना के तहत पशुपालन और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से महिला शक्ति को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में पशुपालकों की संख्या काफी ज्यादा है। ऐसे में पशुपालकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सके। खासकर पशुओं के इलाज संबंधी दिक्कतें और स्वास्थ्य परीक्षण की दिक्कतें दूर हों। इसे देखते हुए इस योजना की शुरुआत की गई है।
वित्त पोषित योजना के तहत राज्य सरकार ने कई महिला समूह को चुना है। जिन्हें पशुपालन और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से ट्रेनिंग दी जाएगी कि किस तरह से पशुओं का वैक्सीनेशन किया जाना है? साथ ही उनका कैसे परीक्षण करना है।
इसके अलावा उनका इंश्योरेंस कैसे होता है? इन सबकी तमाम जानकारियां दी जा रही है। जिसे ई सखी का नाम दिया गया है। ऐसे में राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से न सिर्फ पशुपालकों को लाभ पहुंचेगा। महिला शक्ति को भी रोजगार का जरिया मिल सकेगा।
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि इसमें मातृ शक्तियों को पशुपालन विभाग और ग्राम विकास विभाग से जोड़कर ट्रेनिंग दिया जाएगा। जिसके तहत महिलाओं को वैक्सीनेशन, इंश्योरेंस की ट्रेनिंग दी जाएगी। उनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन्हें उन क्षेत्रों में भेजा जाएगा। जहां पर पशु प्रसाधन अधिकारी नहीं है, वहां पर भेजा जाएगा। जिससे पशुपालकों को फायदा मिलने के साथ ही मातृ शक्तियों को रोजगार भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि ई सखी प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। यह योजना शुरू करने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है। ई सखी सरकार और पशुपालकों के बीच समन्वय बनाकर काम करेगी। जिससे स्वास्थ्य से संबंधित दिक्कतों को दूर करने के साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण का काम भी ई सखी के माध्यम से किया जाएगा. जिससे पशुपालकों को काफी सहूलियत मिलने के साथ अन्य लाभ भी मिलेगा।