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जिला अस्पताल बागेश्वर में 40वाँ नेत्रदान पखवाड़ा शुरू, चिकित्सकों और स्टाफ ने नेत्रदान का संकल्प लिया

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बागेश्वर। जिला अस्पताल बागेश्वर में 40वाँ नेत्रदान पखवाड़ा बड़े उत्साह के साथ प्रारंभ हुआ। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. तपन शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अस्पताल के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ ने नेत्रदान का महत्व समझते हुए शपथ ली और स्वयं आगे आकर नेत्रदान की सहमति प्रपत्र भरे।

नेत्रदान पखवाड़े के इस 40वें आयोजन में जिला अस्पताल प्रशासन ने जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया। उम्मीद जताई गई कि इस अभियान से बागेश्वर जिले में नेत्रदान की परंपरा और भी मज़बूत होगी और ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस पुण्य कार्य के लिए आगे आएँगे।

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सीएमएस डॉ. शर्मा ने कहा कि नेत्रदान मानव जीवन की सबसे बड़ी सेवा है। किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके नेत्र अंधेपन से जूझ रहे किसी और की दुनिया रौशन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस पखवाड़े का उद्देश्य जनमानस में जागरूकता फैलाना और नेत्रदान को एक सामाजिक आंदोलन का रूप देना है। सभी से नेत्रदान को जीवनदान की संज्ञा दी और लोगों से इस अभियान से जुड़ने की अपील की। वहीं इस दौरान नेत्र चिकित्सक डॉ. कल्पना पांडे और आप्टोमैट्रिस्ट प्रदीप रावत ने नेत्रदान की प्रक्रिया और उससे जुड़ी तमाम जानकारियाँ दीं। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि मृत्यु के बाद भी किसी व्यक्ति की आंखें किसी अंधे व्यक्ति के लिए प्रकाश बन सकती हैं। साथ ही उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों और स्टाफ के नेत्र स्वास्थ्य की जांच भी की।
कार्यक्रम के समापन पर डॉ. शर्मा ने कहा कि नेत्रदान से बड़ा कोई दान नहीं है और अगर समाज का हर वर्ग इसमें शामिल हो जाए तो अंधत्व को बहुत हद तक खत्म किया जा सकता है। उन्होंने जिले के सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान से जुड़कर किसी की अंधेरी ज़िंदगी को रोशन करने में योगदान दें। कार्यक्रम में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजीव उपाध्याय, डॉ. चंद्रमोहन भैसोड़ा, डॉ. देवी प्रसाद शुक्ला, डॉ. अरुण प्रकाश, डॉ. गिरिजा शंकर जोशी, डॉ. घटियाल और कमल जोशी सहित बड़ी संख्या में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

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