दर्द का संन्यासी,जिसने अपना सब कुछ खोकर औरों का सहारा बनना चुना
बागेश्वर : मुंबई की भागती दौड़ती ज़िंदगी के बीच, माटुंगा के एक कोने में एक शख़्स रहते थे, डॉ. बी.के. गुरूजी. नाम के आगे “डॉ.” ज़रूर जुड़ा था, पर उनके लिए डॉक्टरी महज़ डिग्री नहीं, बल्कि एक साधना थी. जसलोक अस्पताल में मर्म चिकित्सा के ज़रिए हजारों लोगों का दर्द हरने वाला यह शख़्स, कभी … Read more